• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Supreme court on SC/ST act
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 3 अप्रैल 2018 (15:25 IST)

SC/ST एक्ट में बदलाव पर यह रहा सुप्रीम कोर्ट का रुख

SC/ST एक्ट में बदलाव पर यह रहा सुप्रीम कोर्ट का रुख - Supreme court on SC/ST act
नई दिल्ली। एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 मामले में केन्द्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 20 मार्च के फैसले पर फिलहाल रोक नहीं लगाई जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद करेगा। 
 
शीर्ष अदालत ने कहा कि हमारा मकसद बेगुनाह को बचाना है ताकि कोई बेकसूर नहीं फंसे। शीर्ष अदालत ने कहा मुकदमे के मुख्‍य पक्षकार लिखित में जवाब दें। अत: फिलहाल इस मामले में कोई बदलाव नहीं होगा यानी स्थिति अदालत के 20 मार्च के फैसले के अनुरूप ही रहेगी। 
 
क्या कहा सरकार ने : इस मामले को लेकर देशव्यापी हिंसा भड़कने के मद्देनजर सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से सरकार ने इस मामले में याचिका दायर करके शीर्ष अदालत से अपने गत 20 मार्च के आदेश पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था। सरकार का मानना है कि एससी और एसटी के खिलाफ कथित अत्याचार के मामलों में स्वत: गिरफ्तारी और मुकदमे के पंजीकरण पर प्रतिबंध के शीर्ष अदालत के आदेश से 1989 का यह कानून 'दंतविहीन' हो जाएगा। 
 
यह है पूरा मामला : 20 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी थी कि एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत दर्ज मामलों में उच्चाधिकारी की बगैर अनुमति के अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं होगी। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी से पहले आरोपों की प्रारंभिक जांच जरूरी है। 
 
न्यायमूर्ति गोयल और न्यायमूर्ति ललित की पीठ ने गिरफ्तारी से पहले मंजूर होने वाली जमानत में रुकावट को भी खत्म कर दिया। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद अब दुर्भावना के तहत दर्ज कराए गए मामलों में अग्रिम जमानत भी मंजूर हो सकेगी। न्यायालय ने माना कि एससी/एसटी अधिनियम का दुरुपयोग हो रहा है।