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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 7 सितम्बर 2018 (09:02 IST)

भारत समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं मानने वाले 25 देशों में शामिल

भारत समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं मानने वाले 25 देशों में शामिल - supreme court on LGBTQ
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय द्वारा समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के साथ ही भारत उन 25 अन्य देशों के साथ जुड़ गया, जहां समलैंगिकता वैध है। लेकिन दुनियाभर में अब भी 72 ऐसे देश और क्षेत्र हैं जहां समलैंगिक संबंध को अपराध समझा जाता है। उनमें 45 वे देश भी हैं जहां महिलाओं का आपस में यौन संबंध बनाना गैर कानूनी है।

उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरुवार को भादंसं की धारा 377 के तहत 158 साल पुराने इस औपनिवेशिक कानून के संबंधित हिस्से को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया और कहा कि यह समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

इंटरनेशनल लेस्बियन, गे, ईसेक्सुअल, ट्रांस एंड इंटरसेक्स एसोसिएशन के अनुसार आठ ऐसे देश हैं, जहां समलैंगिक संबंध पर मृत्युदंड का प्रावधान है और दर्जनों ऐसे देश हैं जहां इस तरह के संबंधों पर कैद की सजा हो सकती है।

जिन कुछ देशों समलैंगिक संबंध वैध ठहराए गए हैं, उनमें अर्जेंटीना, ग्रीनलैंड, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, आईसलैंड, स्पेन, बेल्जियम, आयरलैंड, अमेरिका, ब्राजील, लक्जमबर्ग, स्वीडन और कनाडा शामिल हैं।