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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 27 जनवरी 2025 (19:47 IST)

सर्पदंश की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, केंद्र सरकार से उपचार उपलब्ध कराने को कहा

Supreme Court
Snakebite Incidents Case : सर्पदंश की समस्या के पूरे देश में व्याप्त होने का उल्लेख करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र से कहा कि वह सभी राज्यों को साथ लेकर चिकित्सा सुविधाओं में सर्पदंश का उपचार उपलब्ध कराने के लिए कुछ करे। सांप के काटने के इलाज में महत्वपूर्ण 'विषरोधी' (एंटी-वेनम) की कमी के कारण देश एक बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। केंद्र के वकील ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर उठाए गए कदमों की जानकारी रिकॉर्ड में रखेगी। कुछ राज्यों के वकीलों ने कहा कि वे इस मामले में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे जिसके बाद पीठ ने उन्हें 6 सप्ताह का समय दिया। 
 
पीठ ने केंद्र के वकील से कहा कि आप राज्यों को भी इसमें शामिल कर सकते हैं। समस्या पूरे देश में है। इसमें आगे कहा गया कि आप सभी राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर कुछ करने का प्रयास कर सकते हैं। यह कोई विरोधात्मक मुकदमा नहीं है।
केंद्र के वकील ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर उठाए गए कदमों की जानकारी रिकॉर्ड में रखेगी। कुछ राज्यों के वकीलों ने कहा कि वे इस मामले में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे जिसके बाद पीठ ने उन्हें 6 सप्ताह का समय दिया और मामले की सुनवाई उसके बाद के लिए स्थगित कर दी।
 
पिछले साल 13 दिसंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने वकील शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा था। याचिका में पीड़ितों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में 'विषरोधी' और सर्पदंश उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
अधिवक्ता चांद कुरैशी के माध्यम से दायर याचिका में तर्क दिया गया कि विश्व में सर्पदंश से होने वाली मौतों की सबसे अधिक दर वाले देश भारत में हर साल लगभग 58,000 मौतें होती हैं। इसमें तर्क दिया गया कि कि इतनी अधिक मृत्यु दर के बावजूद, एंटीवेनम (पॉलीवेनम) की कमी है।
 
याचिका में कहा गया है कि देश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में 'विषरोधी' दवा का पर्याप्त स्टॉक नहीं है जिसके कारण सर्पदंश पीड़ितों के उपचार में देरी होती है। इसलिए याचिका में सर्पदंश रोकथाम स्वास्थ्य मिशन चलाने और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में मृत्यु दर को कम करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
याचिका में सरकारी जिला अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों में मानक चिकित्सा मानदंडों के अनुसार विशेष प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ सर्पदंश उपचार और देखभाल इकाइयां स्थापित करने के निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है।(भाषा)
Edited by : Chean Gour