सुब्रत रॉय 2014 में व्यक्तिगत रूप से शीर्ष अदालत में पेश हुए थे, जेल भेजा गया था
Subrata Roy: सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सेबी-सहारा मामले में 25,700 करोड़ रुपए जमा नहीं करने को लेकर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट की तामील करते हुए 4 मार्च, 2014 को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में पहुंचे थे। सहारा समूह के निर्माता सुब्रत रॉय का मंगलवार को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में हृदय और श्वसन तंत्र संबंधी बीमारी के कारण निधन हो गया। वे 75 साल के थे।
साल 2014 के उस दिन शीर्ष अदालत के बाहर नाटकीय दृश्य था, जब रॉय अपनी पहचान बन चुकी सफेद शर्ट, काली जैकेट और सहारा के लोगो वाली काली टाई पहनकर वहां पहुंचे थे। तभी खुद को ग्वालियर का वकील बताने वाले मनोज शर्मा नाम के व्यक्ति ने रॉय के चेहरे पर स्याही फेंक दी। इसके बाद उस व्यक्ति ने अपनी शर्ट उतारकर चिल्लाना शुरू कर दिया कि वह (सुब्रत रॉय) चोर है और उसने गरीबों के पैसे मारे हैं।
अपनी कमीज पर स्याही के दाग होने के बावजूद रॉय पूरे आत्मविश्वास के साथ न्यायाधीशों के सामने पेश हुए। अपने मामले में खुद दलील रख रहे रॉय ने कहा कि वह अदालत के आदेश का सम्मान करने के लिए एक और अवसर चाहते हैं और अगर वह अंतिम प्रयास में भी विफल रहे तो फिर अदालत में आकर खड़े होंगे और सजा स्वीकार करेंगे।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के.एस. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की पीठ पर हालांकि रॉय की दलीलों का कोई असर नहीं हुआ और उन्हें तब तक के लिए तिहाड़ जेल भेजने का आदेश सुनाया गया, जब तक वह कोई ठोस प्रस्ताव नहीं लाते। रॉय 2 साल से अधिक वक्त जेल में बिताने के बाद 6 मई, 2016 को पैरोल पर अपनी मां छबि रॉय के अंतिम संस्कार के लिए बाहर आए थे। वह तब से जेल से बाहर थे।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta