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Last Updated : शुक्रवार, 28 अगस्त 2020 (01:14 IST)

विद्यार्थी हर हाल में चाहते हैं JEE-NEET परीक्षाएं, डाउनलोड हुए 17 लाख से अधिक प्रवेश-पत्र : निशंक

विद्यार्थी हर हाल में चाहते हैं JEE-NEET परीक्षाएं, डाउनलोड हुए 17 लाख से अधिक प्रवेश-पत्र : निशंक - students want that JEE-NEET exams are held at any cost
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank ने गुरुवार को कहा कि 17 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने जेईई और नीट (JEE-NEET) परीक्षा के लिए अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिया है और इससे स्पष्ट होता है कि छात्र हर हाल में परीक्षा चाहते हैं।
 
 केंद्रीय शिक्षा मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कोविड-19 के मामले बढ़ने के मद्देनजर नीट और जेईई मेन्स परीक्षा को स्थगित करने की कुछ वर्गो द्वारा मांग की जा रही है।
 
निशंक ने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के अधिकारियों ने मुझे बताया कि 7 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने जेईई मेन्स परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिया है जबकि 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने नीट परीक्षा का प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिया है। इससे स्पष्ट होता है कि छात्र चाहते हैं कि परीक्षा हर हाल में आयोजित हो। 
 
उन्होंने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षा के करीब 25 लाख उम्मीदवारों में से 17 लाख प्रवेश पत्र डाउनलोड कर चुके हैं। 
 
उन्होंने कहा कि हमें छात्रों और अभिभावकों से परीक्षा आयोजित किए जाने के पक्ष में ई-मेल प्राप्त हुए हैं क्योंकि वे इस परीक्षा की तैयारी दो-तीन वर्षों से कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट का भी विचार है कि पूरे अकादमिक सत्र को बर्बाद नहीं किया जा सकता है। दो बार टालने के बाद परीक्षा को अंतिम रूप दिया गया है।
 
 केंद्रीय शिक्षा मंत्री की यह टिप्पणी तब आई है जब एक दिन पहले ही गैर भाजपा शासित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार के लिए समीक्षा याचिका दायर करने की जरूरत बताई थी। 
 
इंजीनियरिंग के लिये संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) या जेईई 1 से 6 सितंबर के बीच होगी जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-स्नातक) 13 सितंबर को कराने की योजना है। नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। जेईई मेन्य के लिए करीब 8.58 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था। 
 
कोरोना वायरस के कारण ये परीक्षाएं पहले ही दो बार टाली जा चुकी हैं। जेईई मेन्स परीक्षा मूल रूप से 7-11 अप्रैल को आयोजित होनी थी, लेकिन इसे 18-23 जुलाई के लिए टाल दिया गया। नीट परीक्षा मूल रूप से 3 मई को आयोजित होनी थी लेकिन इसे 26 जुलाई के लिए टाल दिया गया था। इन परीक्षाओं को एक बार फिर सितंबर के लिए टाल दिया गया। 
 
यह मुद्दे पिछले कुछ महीने से गहन सार्वजनिक चर्चा का विषय बना हुआ है और इन परीक्षाओं के आयोजन को लेकर अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं। एक वर्ग परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में है तो विपक्षी पार्टी और एक वर्ग के कार्यकर्ताओं की मांग है कि महामारी को देखते हुए परीक्षा को आगे टाल देना चाहिए। 
 
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जेईई मेन्स और नीट परीक्षा को स्थगित करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि छात्रों के बहुमूल्य शैक्षणिक वर्ष को बर्बाद नहीं किया जा सकता। कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों की मांग है कि कोविड-19 महामारी के फैलने और कुछ राज्यों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए परीक्षा को टाल देना चाहिए, वहीं सरकार ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उपयुक्त सावधानी बरतते हुए आयोजित की जाएगी।
नवीन पटनायक का मोदी से अनुरोध : ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गुरुवार को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय योग्यता सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) स्थगित करने का अनुरोध किया। नवीन ने मोदी से गुरुवार सुबह टेलीफोन पर बातचीत के दौरान राज्य के कई हिस्सों में कोरोना प्रकोप और बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर परीक्षाओं को स्थगित करने का अनुरोध किया।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से इस वर्ष नीट की परीक्षा के लिए 50,000 से अधिक और जेईई के लिए करीब 40,000 छात्र इन परीक्षाओं में शामिल होंगे।
 
सपा का प्रदर्शन : नीट और जेईई परीक्षा के विरोध में गुरुवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया। सपा कार्यकर्ता कोरोना के मद्देनजर प्रतियोगी परीक्षा नहीं कराए जाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से उनकी नोकझोंक हुई, बाद में उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया।

कांग्रेस का विरोध निजी संस्थानों को लाभ पहुंचाने वाला : मध्यप्रदेश खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू ने गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से चर्चा कर जेईई और नीट परीक्षाओं को लेकर कुछ राज्यों के विरोध को खारिज करने और परीक्षाएं निर्धारित समय पर ही कराने की मांग की।
 
मालू ने कहा कि छात्र भी चाहते हैं कि परीक्षा समय पर हो इसलिए 90 प्रतिशत उम्मीदवारों ने प्रवेश पत्र भी डाउनलोड कर लिए हैं। यदि समय पर परीक्षाएं नहीं हुईं तो छात्रों को मानसिक तनाव और वेदना तो होगी ही, उन्हें अवसाद का भी शिकार होना पड़ सकता है। 
 
कांग्रेस पर उन्होंने आरोप लगाया कि निजी शैक्षणिक संस्थानों को लाभ पहुंचाने की नीयत से भी कांग्रेस परीक्षा स्थगित कराना चाह रही है।