Cyclone Biporjoy Effect: तूफान की रफ्तार कम हुई पर खतरा बरकरार, गुजरात में 400 से ज्यादा पेड़ धराशायी
-वृषाली भावसार, गुजरात से
Cyclone Biporjoy Effect: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर थोड़ी राहत भरी खबर है। राहत आयुक्त आलोक पांडेय ने मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि पिछले कुछ घंटों में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की रफ्तार कम हुई है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में उच्च स्तरीय बैठक कर तूफान को लेकर तैयारियों का जायजा लिया। राज्य में 400 से ज्यादा पेड़ टूटकर गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। समुद्र की ऊंची उठती लहरें लोगों को डरा रही हैं।
तूफान के गुरुवार रात करीब 9 से 10 बजे के आसपास तट से टकराने की संभावना है। पहले इसके शाम 5 बजे जखाऊ तट के आसपास टकराने की संभावना जताई जा रही थी। हवा की गति 115-125 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है। हालांकि चक्रवात की रफ्तार अभी कम ही हुई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए एहतियात के तौर पर प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है।
1 लाख से ज्यादा लोगों को निकाला : गुजरात में एक लाख से ज्यादा लोगों को 8 जिलों में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है। जूनागढ़ जिले में 4864, कच्छ में 46823, जामनगर में 9942, पोरबंदर में 4379, देवभूमि द्वारका में 10749, गिर सोमनाथ में 1605, मोरबी में 9243 और राजकोट में 6822 कुल 94427 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
जैसे-जैसे तूफान तट के करीब आएगा, हवा की गति और बारिश बढ़ेगी। संभावित तूफान से प्रभावित इन 8 जिलों के 55 तालुकों में पिछले तीन दिनों के दौरान कुल 2248 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग की ओर से अगले दो दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इस बीच, तूफान के असर से द्वारका में बारिश जारी है।
इंट्रासर्कल रोमिंग सुविधा : 16 जून को उत्तरी गुजरात के बनासकांठा और पाटन जैसे जिलों में गुजरात के तट पर संभावित चक्रवात के बाद भारी से बहुत भारी वर्षा के पूर्वानुमान के परिणामस्वरूप, संबंधित जिला प्रशासन को अग्रिम तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। चक्रवाती तूफान से मानव जीवन के अलावा जंगली जानवर भी प्रभावित हो सकते हैं।
वन विभाग की 180 टीमें तैयार : वन विभाग की ओर से वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए 180 टीमें तैयार की गई हैं। राज्य में अब तक पेड़ गिरने की 400 घटनाएं सामने आई हैं। उन सभी पेड़ों को हटा दिया गया है और सड़कें खोल दी गई हैं। राहत आयुक्त ने कहा कि संभावित तूफान के परिणामस्वरूप संदेश सेवाओं में व्यवधान से बचने के लिए मोबाइल ऑपरेटर इंट्रासर्कल रोमिंग सुविधा से लैस हैं।
5 जनरेटर सेट तैयार : बिजली गुल होने की स्थिति में राज्य जलापूर्ति विभाग ने कच्छ, द्वारका और जामनगर जिलों में 25 तथा मोरबी में 5 जनरेटर सेट तैयार रखे हैं। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि चक्रवात बृहस्पतिवार को एक प्रचंड तूफान के रूप में जखाऊ बंदरगाह के नजदीक समुद्र तट से टकराएगा।
बिपरजॉय हाईलाइट्स
मौसम वैज्ञानिक मनोरमा मोहंती ने कहा- चक्रवात बिपरजॉय फिलहाल जखाऊ पोर्ट से 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है। यह उत्तर पूर्व की ओर बढ़ते हुए कच्छ, सौराष्ट्र को पार करने वाला है। इसकी रफ्तार 115-125 किमी प्रति घंटा होने वाली है। शाम से मध्य रात्रि तक लैंडफॉल जारी रहेगा।
द्वारका में चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव से टाटा केमिकल्स के पास सड़क पर एक शेड गिर गया। एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे हटाया।
द्वारका में चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव से बारिश हो रही है।
जामनगर में चक्रवात बिपरजॉय के चलते तटीय इलाकों में समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। मोरबी में भी ऊंची लहरें उठ रही हैं।
नॉर्थ रीजन के कोस्ट गार्ड कमांडर आईजी एके हरबोला ने कहा- हमने गुजरात में 15 जहाज तैयार रखे हैं। 7 एयरक्राफ्ट भी तैयार हैं। लैंडफॉल की संभावना के चलते 27 आपदा प्रबंधन टीम भी तैयार की गई हैं। हम राज्य सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हैं।
गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने कहा- आज कई गांवों में बिजली के खंभे गिरे हैं। हम पहले ही 9000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज चुके हैं। जिला प्रसाशन अलर्ट पर है। हम एक टीम की तरह काम कर रहे हैं।
एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने कहा कि चक्रवात बिपरजॉय का असर कच्छ में अधिक रहेगा। हमारी टीमें सौराष्ट्र, द्वारका, जामनगर, गिर सोमनाथ, पोरबंदर में भी तैनात हैं। हमारी एयरलिफ्ट के लिए भटिंडा, कुंडली और चेन्नई में 5-5 टीम रिज़र्व में हैं। तट के 0-5 किमी के दायरे में और बाढ़ आशंका जगह पर रहे लोगों को निकाला है, जिनकी संख्या 1 लाख से ऊपर है।