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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 7 अक्टूबर 2024 (19:10 IST)

Sonam Wangchuk : मुलाकात पर अड़े सोनम वांगचुक, बोले- हम लद्दाख भवन में डटे रहेंगे...

Sonam Wangchuk
Sonam Wangchuk News : जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने सोमवार को कहा कि वह और उनके समर्थक तब तक लद्दाख भवन में रहेंगे जब तक अधिकारी यह नहीं बता देते कि कब वे देश के शीर्ष नेतृत्व से मिल सकते हैं। वांगचुक ने कहा, हमने 30-32 दिन तक पैदल यात्रा की है, हम कम से कम एक मुलाकात के तो हकदार हैं।
 
वांगचुक ने कहा कि प्रदर्शनकारी लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं और यह असामान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि वे यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को यह याद दिलाने आए हैं जिसका वादा उसने चुनाव के दौरान किया था।
मौजूदा समय में छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों को स्वायत्त जिलों और स्वायत्त क्षेत्रों के रूप में प्रशासन से संबंधित है। वांगचुक और उनके समर्थकों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने पर रविवार को लद्दाख भवन में ही अपना अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया।
 
वांगचुक ने कहा, हम तब तक यहां बैठेंगे जब तक हमें जवाब नहीं मिल जाता कि हम अपने नेताओं से कब मिल पाएंगे। हमने 30-32 दिन तक पैदल यात्रा की है, हम कम से कम एक मुलाकात के तो हकदार हैं। जलवायु कार्यकर्ता ने कहा कि लद्दाख के लोगों ने इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया था क्योंकि उन्हें विधानसभा और छठी अनुसूची में शामिल करने का वादा किया गया था।
उन्होंने कहा, हम कोई असामान्य मांग नहीं कर रहे हैं, हम यहां भाजपा को उसके घोषणा पत्र में किए गए वादों की याद दिलाने आए हैं। वांगचुक और उनके समर्थक अपनी मांग को लेकर लेह से दिल्ली तक पैदल चलते हुए पहुंचे और 30 सितंबर को राजधानी की सिंघू सीमा पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। 'दिल्ली चलो पदयात्रा' का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा किया जा रहा है।
 
प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने दो अक्टूबर की रात रिहा कर दिया था। रविवार को वांगचुक शाम करीब चार बजे लद्दाख भवन से बाहर निकले और घोषणा की कि वह अनशन पर बैठने जा रहे हैं। लद्दाख भवन में रविवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और प्रवेश प्रतिबंधित था। हालांकि सोमवार को अतिरिक्त सुरक्षाबल हटा लिया गया और वांगचुक तथा अन्य लोगों को गेट पर आगंतुकों से मिलने की अनुमति दी गई।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रात खुले में बिताई। वांगचुक ने कहा, यह आरामदायक स्थिति नहीं थी, हम लगभग सड़क पर थे और मच्छर काट रहे थे। अब गर्मी है और ये लद्दाखी लोग हैं जो शून्य से नीचे के तापमान के आदी हैं.. यहां बुजुर्ग लोग भी हैं, लेकिन जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती, हम यहां से नहीं जाएंगे।
इससे पहले एलएबी के एक सदस्य ने बताया कि अधिकारियों ने अभी तक प्रदर्शनकारियों को अपना आंदोलन जारी रखने के लिए किसी वैकल्पिक स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी है, इसलिए लद्दाख भवन में अनशन जारी रहेगा। संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को शामिल करने के अलावा, प्रदर्शनकारी लद्दाख के लिए एक लोकसेवा आयोग और लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग भी कर रहे हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour