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Last Modified: सोमवार, 8 जनवरी 2018 (17:10 IST)

अपने सैटेलाइट से ऐसे बदलेगी तकनीक

अपने सैटेलाइट से ऐसे बदलेगी तकनीक - Satelite G SAT-11 to be launched
नई दिल्ली। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) जल्द ही देश का सबसे वजनी कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-11 लॉन्च करेगा। चूंकि इसका वजन 5.6 टन है, इसलिए इसे साउथ अमेरिकी आइलैंड फ्रेंच गुयाना से एरियन-5 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा क्योंकि भारत के पास इतना वजनी सैटेलाइट लॉन्च करने लायक प्लेटफॉर्म नहीं है। 
 
इसके सक्रिय होने पर सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट से हाई स्पीड कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। इसके साथ ही,
भारत के पास खुद का सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट होगा। सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट से हाई स्पीड कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।
 
सैटेलाइट सीरीज का हिस्सा
 
जीसैट-11 सैटेलाइट इसरो के इंटरनेट बेस्ड सैटेलाइट सीरीज का हिस्सा है। इसका मकसद इंटरनेट स्पीड को बढ़ाना है। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में 18 महीने में तीन सैटेलाइट भेजे जाने हैं। पहला सैटेलाइट जीसैट-19 जून 2017 में भेजा गया था। जीसैट-11 को इसी महीने 10 जनवरी को भेजा जाएगा और तीसरे सैटेलाइट जीसैट-20 को साल के आखिर तक भेजने की योजना है। 
 
पूरे देश को हाईस्पीड इंटरनेट मिलेगा
 
हाईइंटरनेट स्पीड के लिए जीसैट-11 से बेहतर इंटरनेट स्पीड मिलेगी। कनेक्टिवटी सस्ती होगी और पूरे देश में इसका एक्सेस मिल सकेगा। साथ ही इसके तहत बिना डिश लगाए टीवी प्रोग्राम देखे जा सकेंगे। जीसैट-11 से 70 जीबी/सेकंड की हाईस्पीड मिलेगी। साइबर सुरक्षा मजबूत होगी और इससे एक नया सुरक्षा कवच मिलेगा। उम्म‍ीद क‍ी जाती है कि भारत का बैंकिंग सिस्टम भी मजबूत होगा। 
 
ऐसे बदलेगा इंटरनेट
 
- हाईइंटरनेट स्पीड: इस क्लब से हमें बेहतर इंटरनेट स्पीड मिलेगी। इंटरनेट कनेक्टिवटी सस्ती होगी। पूरे देश तक पहुंच होगी। 
- वायरलेस टेक्नोलॉजी: इसके तहत बिना डिश लगाए टीवी प्रोग्राम देखे जा सकेंगे। इससे स्मार्टफोन की भी दुनिया बदल जाएगी। 
- स्मार्ट सिटी: इससे हमें 70 जीबी/सेकंड की स्पीड मिलेगी। यह स्मार्ट सिटी के लिए जरूरी ट्रांसमिशन जितनी स्पीड है। 
- साइबर सिक्युर‍िटी: एक नया सुरक्षा कवच मिलेगा। साइबर सुरक्षा मजबूत होगी और बैंकिंग सिस्टम को मजबूती मिलेगी। 
 
जीसैट-20 (दिसंबर 2018 तक लॉन्चिंग)
वजन: 3.6 टन 
कैपेसिटी: 70 जीबीपीएस
इसे 2018 के आखिरी तक लांच करने की योजना है। यह 70 जीबी/सेकंड की स्पीड से डेटा भेजेगा। ये तीनों सैटेलाइट एक साथ संचालन में आते ही हाई-क्वॉलिटी इंटरनेट, फोन और वीडियो सर्विसेज देना शुरू कर देंगे।
 
मार्क 3: हमारा सबसे ताकतवर रॉकेट
- इसरो ने अब तक 28 कम्युनिकेशन सैटेलाइट भेजे हैं। जीसैट-11 की कैपेसिटी अकेले इन सभी सैटेलाइट के बराबर है। दुनिया के 16 देश अब तक कम्युनिकेशन सैटेलाइट भेज चुके हैं। इसके अलावा यूरोपियन यूनियन और सोवियत संघ भी अपना कम्युनिकेशन सैटेलाइट भेज चुके हैं।
10 जनवरी को इसरो एक साथ 6 देशों के 31 सैटेलाइट लॉन्च करेगा
- भारत 10 जनवरी को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित स्पेस सेंटर से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह कार्टोसैट सहित 31 सैटेलाइट की लॉन्चिंग करेगा। 
- इनमें से 28 सैटेलाइट अमेरिका के और पांच अन्य देशों के होंगे। 2018 के इस पहले स्पेस मिशन के तहत पोलर सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल (पीएसएलवी-सी440) के जरिए सभी 31 सैटेलाइट छोड़े जाएंगे। 
- इस अभियान से चार महीने पहले नेविगेशन मिशन का 8वां सैटेलाइट छोड़ा गया था, लेकिन रॉकेट पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचने में नाकाम रहा था। 
- इस मिशन में कार्टोसैट-2 के अलावा भारत का एक नैनो और एक माइक्रो सैटेलाइट भी लॉन्च किया जाएगा। 
- एक निगरानी उपग्रह के रूप में कार्टोसैट शहरी, तटीय भूमि उपयोग, सड़क नेटवर्क की निगरानी आदि के लिए आंकड़े मुहैया कराएगा।
- यह इंटरनेट सेवाएं देने वाला देश का पहला सैटेलाइट होगा और माना जा रहा है कि भारत में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवाओं के विस्तार में इससे क्रांतिकारी बदलाव आएगा। सरकार की योजना के मुताबिक इसके जरिए ग्राम पंचायत स्तर तक इंटरनेट सेवाओं को मजबूती दी जाएगी।
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