Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 10 दिसंबर 2015 (17:02 IST)
सलमान खान की जिंदगी का सबसे बड़ा दिन, कोर्ट से मिली आजादी
नई दिल्ली। बॉलीवुड के 'बजरंगी भाई जान' सलमान खान आज (गुरुवार को) अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन मानते हुए राहत महसूस कर रहे हैं, क्योंकि 'हिट एंड रन' मामले में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट में हिट एंड रन का केस 13 सालों तक चला। हाईकोर्ट ने मामले के मुख्य गवाह स्व. रवीन्द्र पाटिल की गवाही पर सलमान को 5 साल की कैद की सजा सुनाई थी, लेकिन उसी शाम उन्हें जमानत दे दी थी।
गुरुवार की दोपहर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोप साबित करने में अभियोजन पक्ष नाकाम साबित हुआ है। पुलिस ने हड़बड़ी में ठीक से जांच नहीं की है। कोर्ट ने कहा कि जो सबूत पुलिस पेश कर रही है, उससे सलमान खान को दोषी नहीं कहा जा सकता है लिहाजा उन्हें इस केस से बरी किया जाता है। अदालत ने जब अपना फैसला सुनाया, तब सलमान खान भी वहां मौजूद थे।
अदालत के बरी होने के फैसले के बाद सलमान ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और कोर्ट रूम से बाहर निकल आए। कोर्ट में सलमान पिता सलीम खान, उनके बॉडीगार्ड शेरा, बहन अलवीरा और अर्पिता मौजूद थे और किसी ने भी मीडिया से बात नहीं की।
अदालत ने कहा है कि सलमान पर शराब पीने का आरोप साबित नहीं होता है। अदालत ने कहा कि जो सबूत पुलिस पेश कर रही है, उससे सलमान खान को दोषी नहीं कहा जा सकता है। फैसला लिखने के दौरान हाईकोर्ट ने मामले के मुख्य गवाह मरहूम रवीन्द्र पाटिल की गवाही पर सवाल खड़े किए थे।
कोर्ट ने रवीन्द्र पाटिल के बयान में कुछ खामियां बताई थीं। साथ ही हादसे के वक्त सलमान के साथ कार में मौजूद कमाल खान को कोर्ट में पेश नहीं करने पर सरकारी पक्ष से हैरानी भी जताई।
2002 के इस मामले में इस साल मई में मुंबई की निचली अदालत ने सलमान खान को 5 साल की सजा सुनाई। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए सलमान खान ने सजा रद्द करने की याचिका दायर की थी।
उल्लेखनीय है 28 सितंबर 2002 की रात जब यह हादसा हुआ, तब सलमान की गाड़ी ने सड़क किनारे सो रहे 16 लोगों को कुचल दिया था जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। कांस्टेबल रवीन्द्र पाटिल ने पुलिस में जो बयान दिया था, उसमें कहा था कि सलमान खुद गाड़ी चला रहे थे और नशे में थे। उसने सलमान को कार धीरे चलाने का भी कहा था।
पाटिल ने ही थाने जाकर इस दुर्घटना को सूचित किया था। बाद में रवीन्द्र पाटिल को पुलिस सेवा से निलंबित कर दिया गया था। पाटिल की मौत कब हुई, ये भी पुलिस को पता तक नहीं चला।
सेशंस कोर्ट ने जब सलमान को सजा सुनाई, तब रवीन्द्र पाटिल के बयान ने बड़ी भूमिका निभाई थी। इस केस में एक और गवाह थे वो थे कमाल खान। कमाल खान का बयान रवीन्द्र पाटिल की गवाही पर मुहर लगा सकता था, लेकिन पुलिस ने कमाल खान को कोर्ट करने में रुचि नहीं दिखाई और अब इसका खामियाजा सरकारी पक्ष को भुगतना पड़ा।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में सरकारी पक्ष की तरफ से कमाल खान को कोर्ट में पेश नहीं करने पर भी हैरानी जताई। कोर्ट ने कहा कि कमाल खान ने विदेश जाने से पहले अपना मुंबई और यूके का पता दिया था। बावजूद इसके सरकारी पक्ष ने कमाल को पेश करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
इतना ही नहीं, हाईकोर्ट ने सलमान के ड्राइवर अशोक सिंह के गुनाह कबूलने वाले बयान को नजरअंदाज करने पर भी हैरानी जताई। कोर्ट ने कहा कि 13 साल बाद ही सही, लेकिन अगर अशोक जुर्म कबूल रहा था तो उस पर विचार किया जाना चाहिए था।