जयशंकर ने संभाला विदेश सचिव का कार्यभार
नई दिल्ली। सरकार द्वारा बुधवार देर रात सुजाता सिंह के कार्यकाल में ‘कटौती’ किए जाने के बाद विदेश सचिव बनाए गए एस. जयशंकर ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। वर्ष 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी जयशंकर ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं मेरी प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने अपनी नई भूमिका को ‘सम्मान और बड़ी जिम्मेदारी’ करार दिया।
साउथ ब्लॉक में जिस समय जयशंकर कार्यभार ग्रहण कर रहे थे, उस समय सुजाता सिंह
वहां मौजूद नहीं थीं। नियमों के मुताबिक उनका कार्यकाल दो साल का होगा। अचानक विदेश सचिव बनाए जाने से पूर्व 60 वर्षीय राजनयिक अमेरिका में भारत के राजदूत रह
चुके हैं। वे चीन, सिंगापुर और चेक गणराज्य में भी राजदूत के तौर पर अपनी सेवा प्रदान कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सितंबर में अमेरिका दौरे और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की हाल में संपन्न हुई भारत यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जयशंकर को नियुक्त किए जाने का निर्णय मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल नियुक्ति समिति ने लिया।
अगस्त 2013 में विदेश सचिव बनीं सुजाता सिंह यह पद पाने वाली तीसरी महिला थीं। और अभी उनका आठ महीने का कार्यकाल शेष था। भारत के अग्रणी रणनीतिक विश्लेषकों में से एक दिवंगत के. सुब्रमणयम के पुत्र जयशंकर, भारत-अमेरिका परमाणु करार वार्ता के दौरान भारतीय दल के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। (भाषा)