रोहिंग्या मामले में भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश : रिजीजू
नई दिल्ली। गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने रोहिंग्या मामले में भारत की ‘खलनायक’ जैसी छवि बनाने की कोशिशों की आलोचना करते हुए कहा है कि यह देश की छवि धूमिल करने की सोची-समझी कवायद है।
रिजीजू का बुधवार को यह बयान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख जेड राद अल हुसैन द्वारा म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत से वापस भेजने की आलोचना करने के 2 दिन बाद आया है।
रिजीजू ने कहा कि गैरकानूनी तरीके से भारत में प्रवेश करने वाले रोहिंग्या समुदाय के लोगों के मामले में भारत की आलोचनाओं में देश की सुरक्षा को नजरंदाज किया गया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस मामले में भारत को खलनायक बताना भारत की छवि को धूमिल करने की सोची-समझी कवायद है। इन आलोचनाओं में भारत की सुरक्षा को नजरंदाज किया गया है। केंद्र सरकार म्यांमार में कथित उत्पीड़न के कारण भारत आए रोहिंग्या मुस्लिमों को अवैध अप्रवासी मानते हुए भारत से वापस भेजने की योजना बना रही है।
रिजीजू पहले भी कह चुके हैं कि भारत आए रोहिंग्या समुदाय के लोग अवैध अप्रवासी हैं और इन्हें वापस भेजा जाएगा, क्योंकि कि भारत में पहले से ही मौजूद शरणार्थियों की संख्या विश्व में सर्वाधिक है।
सरकार ने गत 9 अगस्त को संसद में बताया था कि मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक भारत में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 14,000 से ज्यादा है। ये सभी संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) में पंजीकृत शरणार्थी के रूप में भारत में रह रहे हैं।
हालांकि अन्य रिपोर्टों के हवाले से सरकार को आशंका है कि लगभग 40,000 रोहिंग्या आप्रवासी उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और आंध्रप्रदेश में गैरकानूनी तरीके से रह रहे हैं। (भाषा)