• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Rishi Kapoor, tweet, road, railway station, naming, congress
Written By
Last Modified: नई दिल्ली। , बुधवार, 18 मई 2016 (17:45 IST)

हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और सड़क नेहरू-गांधी परिवार की बपौती नहीं : ऋषि कपूर

हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और सड़क नेहरू-गांधी परिवार की बपौती नहीं : ऋषि कपूर - Rishi Kapoor, tweet, road, railway station, naming,  congress
नई दिल्ली। अपनी स्पष्टवादिता के लिए मशहूर बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर ने देश में कई सड़कों, हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों का नाम सिर्फ नेहरू-गांधी परिवार के लोगों के नाम पर रखे जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि इन सभी के नाम बदलकर उन लोगों के नाम पर रख देने चाहिए जिनका विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 
ऋषि कपूर ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट करते हुए सवाल उठाया है कि भारत में सभी चीजों का नाम नेहरू-गांधी परिवार के लोगों के नाम पर ही क्यों है? उनके इस बयान के बाद विवादों ने तूल पकड़ लिया है। 
 
उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि सभी परिसंपत्तियों का नाम बदल दो जिनका कांग्रेस ने गांधी परिवार के लोगों के नाम पर नामकरण किया है। बांद्रा वर्ली सी लिंक का नाम लता मंगेशकर या जेआरडी टाटा लिंक रोड रख देना चाहिए। यदि दिल्ली में सड़कों के नाम बदले जा सकते हैं तो परिसंपत्तियों और संपत्तियों के नाम क्यों नहीं बदले जा सकते? मैं चंडीगढ़ था, वहां भी राजीव गांधी का नाम। सोचो, क्यों? 
 
ऋषि कपूर ने कहा कि हमें देश की महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों के नाम उन लोगों के नाम पर रखना चाहिए जिन्होंने समाज में योगदान किया है। हर चीज गांधी के नाम। मैं इससे सहमत नहीं हूं। सोचें लोग।
 
उन्होंने लोगों से अपने सुझाव देने को कहा कि दिलीप कुमार, देवानंद, अशोक कुमार, अमिताभ बच्चन और अन्य कलाकारों के नाम पर नामकरण क्या उचित रहेगा। उन्होंने कहा कि फिल्मसिटी का नाम दिलीप कुमार, देवानंद, अशोक कुमार या अमिताभ बच्चन के नाम पर रखा जाना चाहिए। राजीव गांधी उद्योग क्या होता है। सोचो दोस्तो। अपने देश में मोहम्मद रफी, मुकेश, मन्ना डे, किशोर कुमार जैसे नाम के स्थान की कल्पना करो। यह एक सुझाव है। 
 
ऋषि कपूर ने सवाल उठाया कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ही क्यों? क्यों नहीं महात्मा गांधी या भगत सिंह, आम्बेडकर या मेरे नाम ऋषि कपूर पर। राजकपूर ने अपने जीवनकाल और यहां तक कि अपनी मृत्यु के बाद भी देश-विदेश में भारत को गौरवान्वित किया। राजनीति जिस चीज का अनुभव नहीं करा सकती, उसका उनकी कला से अनुभव हुआ। (वार्ता)