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Last Modified: शुक्रवार, 9 अगस्त 2019 (17:05 IST)

'किसान पेंशन योजना' के लिए देशभर में शुरू हुआ पंजीकरण

'किसान पेंशन योजना' के लिए देशभर में शुरू हुआ पंजीकरण - Registration started in the country for Kisan Pension Scheme
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (पीएम-केएमवाई) के लिए पंजीकरण का काम शुक्रवार को शुरू कर दिया। सरकार ने आम बजट में इस योजना की घोषणा की थी। इस योजना में शमिल किसानों को 60 साल की आयु पूरी करने होने पर 3000 रुपए की मासिक पेंशन मिलेगी। किसान की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी को 1500 रुपए की मासिक पेंशन मिलेगी।

केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, आज, पीएम-केएमवाई पंजीकरण प्रक्रिया देशभर में शुरू हो गई है। शुक्रवार दोपहर तक 418 किसानों ने पंजीकरण कराया है और मैं अधिक से अधिक किसानों से इस योजना में शामिल होने का अनुरोध करता हूं। उन्होंने कहा कि यह योजना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सहित पूरे देश में लागू की जाएगी।

तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मिलने के बाद इस योजना की औपचारिक शुरुआत की जाएगी। तोमर ने कहा, कड़ी मेहनत करने के बावजूद, किसान को पर्याप्त कमाई नहीं होती है। इसलिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। हमने बेहतर आय सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं और पीएम-केएमवाई इस दिशा में एक और प्रयास है। मंत्री ने आगे कहा कि सरकार 5 वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ लगातार संपर्क में है और सभी प्रमुख योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के प्रयास कर रही है। मंत्री ने कहा कि मोदी 2.0 सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री ने प्रत्‍येक मंत्रालय को पहले 100 दिनों में प्रमुख कार्यक्रमों को लागू करने के लिए कहा है। पीएम-केएमवाई पंजीकरण प्रक्रिया का शुभारंभ उस दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि जिस किसान के पास 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि होगी वे इस योजना के पात्र होंगे।

उन्होंने कहा कि 18 से 40 वर्ष की आयु के किसानों के लिए यह एक स्वैच्छिक और योगदान आधारित पेंशन योजना है। इस योजना को छोटे किसानों के लिए बनाया गया है और इसलिए इसमें जमीन की सीमा है। पीएम-केएमवाई का प्रारंभिक नामांकन का काम 'साझा सेवा केंद्र' (सीएससी) के माध्यम से किया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि किसानों के नामांकन का काम नि:शुल्क है।

उन्होंने कहा कि सीएससी प्रत्‍येक नामांकन के लिए 30 रुपए का शुल्क लेगा जिसका बोझ सरकार वहन करेगी। मंत्री ने कहा कि 60 साल की उम्र तक पेंशन कोष में किसानों को योजना में शामिल होते समय उनकी उम्र के आधार पर 55 से 200 रुपए का मासिक योगदान देना होगा। 18 वर्ष की आयु में योजना में शामिल होने वाले किसान को 55 रुपए और 40 की उम्र में योजना में आने वाले किसान को 200 रुपए की मासिक किश्‍त देनी होगी। उनके योगदान के बराबर ही सरकार भी अपनी ओर से योगदान देगी।

योजना की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए तोमर ने कहा कि पति अथवा पत्नी अलग-अलग भी 3000 रुपए की पेंशन प्राप्त करने के हकदार होंगे, लेकिन उन्हें पेंशन कोष में अलग से योगदान करना होगा। 60 साल की आयु पूरी होने से पहले किसान की मृत्यु की स्थिति में पति अथवा पत्नी योजना को जारी रख सकते हैं। अगर किसान की 60 वर्ष की आयु के बाद मृत्यु हो जाती है, तो पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन के रूप में 50 प्रतिशत यानी 1500 रुपए की मासिक पेंशन मिलेगी।

लाभार्थी स्वैच्छिक रूप से 5 वर्षों के नियमित योगदान के बाद योजना से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं। बाहर निकलने पर उनकी पूरी योगदान राशि को पेंशन कोष प्रबंधक जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ओर से बचत बैंक दरों के अनुरूप ब्याज के साथ वापस किया जाएगा।

मंत्री ने आगे कहा कि जो किसान पीएम-किसान योजना के लाभार्थी हैं, उनके पास उस योजना से प्राप्त होने वाली राशि से, बीमा योजना के लिए सीधे अपना योगदान करने का विकल्प होगा। नियमित योगदान करने नहीं होने की स्थिति में, लाभार्थियों को निर्धारित ब्याज दर सहित बकाया राशि का भुगतान करके अपने योगदान को नियमित करने की अनुमति होगी।

मंत्री ने कहा कि एलआईसी, बैंकों और सरकार की ओर से एक शिकायत निपटान व्यवस्था बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि योजना की निगरानी, ​​समीक्षा और संशोधन के लिए, सचिवों की एक अधिकार प्राप्त समिति भी गठित की गई है।