नोटों का संकट, लोग परेशान, क्या बोला आरबीआई...
नई दिल्ली। सरकार द्वारा पांच सौ और हजार के नोट बंद करने संबंधी फैसले से देश में अफरातफरी का माहौल है। लोगों बैंकों और पोस्ट ऑफिस में नकदी के लिए भटक रहे हैं। आरबीआई ने अखबारों में एक विज्ञापन जारी कर बैंकों की ओर से लोगों को संयंम बरतने की अपील की है। आरबीआई ने सार्वजनिक सूचना में कहा...
* पूर्व में जारी 500 और हजार मूल्य वर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा स्थिति को वापस लिए जाने से बैंकिंग तंत्र पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आ गई है।
* बैंकिंग तत्र को इन नोटों को सुगम तरीके से बगैर झंझट के वापस लेना है।
* इस कार्य में घोषणा के कुछ घंटों के अंतर्गत एटीएम में रखे विशिष्ट बैंकनोट को निकालना, एटीएम मशीनों को अन्य वैध मुद्रा जारी करने हेतु तैयार करना, दो दिन में इन मशीनों में मुद्रा भरना और घोषणा के एक दिन बाद पूरे देश में स्थित बैंक शाखाओं में आम जनता को विनिमय सुविधा प्रदान करना शामिल था।
* जनता की दिक्कतों को दूर करने के लिए बैंकों ने अतिरिक्त काउंटर्स भी खोले।
* 10 नवंबर 2016 तक लगभग 10 करोड़ विनिमय लेन देन की सूचना प्राप्त हुई है।
* इस शनिवार और रविवार को भी बैंक खुले हुए हैं।
* इन बैंक नोटों का पर्याप्त स्टॉक देश भर में स्थित 4000 मुद्रा बैंकों में रखा हुआ है।
* मुद्रा की मांग को देखते हुए नोट मुद्रण प्रेस अपनी क्षमता पर कार्य हुए मुद्रा नोटों का मुद्रण कर रही है ताकि पर्याप्त संख्या में नोट उपलब्ध रहें।
* आम जनसदस्य के नाते आप प्री पेड कार्ड, रुपे/डेबिट/क्रेडिट, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करें।
* विशिष्ट बैंक नोट को अन्य मूल्य वर्ग के नोट में बदलने की योजना पूरे देश में 30 दिसंबर 2016 और बाद भी जारी रहगी।
* पर्याप्त समय होने के कारण जनता मुद्रा बदलने की जल्दबाजी नहीं करें क्योंकि इससे बैंकिंग शाखाओं के नेटवर्क पर परिहार्य दबाव पड़ता है।