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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 8 अगस्त 2023 (17:44 IST)

DelhiOrdinanceBill : दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में पास, केजरीवाल बोले- BJP ने चोर दरवाजे से हथियाई सत्ता, सुप्रीम कोर्ट की नहीं सुनते PM

DelhiOrdinanceBill : दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में पास, केजरीवाल बोले- BJP ने चोर दरवाजे से हथियाई सत्ता, सुप्रीम कोर्ट की नहीं सुनते PM - Rajya Sabha passes National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill, 2023
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DelhiOrdinanceBill :  संसद ने सोमवार को विवादास्पद ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को मतविभाजन के बाद मंजूरी दे दी। यह विधेयक दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 131 जबकि इसके खिलाफ 102 मत पड़े। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। उच्च सदन में 7 घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया।

क्या बोले केजरीवाल : बिल पास होने पर केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फेंस कर कहा कि प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश नहीं मानते हैं। 25 साल से दिल्ली में बीजेपी की सरकार नहीं है। चोर दरवाजे से दिल्ली की सत्ता हथियाना चाहते हैं। इन्हें पता था कि हमें हराना कठिन है। ये हमसे प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहते हैं। 
 
गृह मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इस संबंध में पहले लागू अध्यादेश को अस्वीकार करने के कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के सांविधिक संकल्प को नामंजूर कर दिया। इसके साथ विपक्ष द्वारा पेश संशोधनों को भी नामंजूर कर दिया।
चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में अधिकारियों के तबादले एवं तैनाती से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर लाये गये विधेयक का मकसद राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के हितों की रक्षा करना है, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के हितों को हथियाना नहीं।
 
गृह मंत्री शाह ने कहा है कि विधेयक का उद्देश्य दिल्ली में ‘भ्रष्टाचार विहीन और लोकाभिमुख शासन’ है। 
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में जो व्यवस्था थी, उसमें इस विधेयक के माध्यम से किंचित मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है।
 
उन्होंने कहा कि दिल्ली कई मायनों में सभी राज्यों से अलग प्रदेश है क्योंकि यहां संसद, कई संस्थाएं, उच्चतम न्यायालय हैं वहीं कई राष्ट्राध्यक्ष यहां चर्चा करने आते हैं, इसीलिए इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा के साथ सीमित अधिकार वाला केंद्र शासित प्रदेश है।
 
विधेयक के उद्देश्य और कारणों में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 239 (क) (क) के उपबंधों के आशय और प्रयोजन को प्रभावी बनाने की दृष्टि से स्थानांतरण, तैनाती और सतर्कता और अन्य मुद्दों से संबंधित विषयों पर उपराज्यपाल को सिफारिश करने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली के गृह विभाग के प्रधान सचिव के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक स्थाई प्राधिकरण का गठन करने की बात है।