रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने युवा पीढ़ी को देश का आईकॉन बताते हुए कहा कि उनसे देश को बहुत सी उम्मीदें है। युवा आज सपने देख भी रहे हैं और उन्हें पूरा भी कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। भारत में सबसे ज्यादा 5G यूजर्स हैं। 5G भारत के शहर और गांव तक पहुंच चुकी है। वो दिन अब दूर नहीं, जब 6G यूजर्स गांव और शहर में तक होंगे। भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। अब भारतीय नौजवानों को अपने सपने पूरे करने के लिए विदेशों में जाने की जरूरत नहीं है। युवा वर्ग अपना स्टार्टअप शुरू करके लोगों को रोजगार दे रहा है।
देश के रक्षामंत्री आज मेरठ के आईआईएमटी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए और उन्होंने छात्रों को बतौर शिक्षक के रूप में गाइडेंस दी। उन्होंने कहा कि जीवन में कोई भी काम छोटे मन से न करें, बल्कि मन बड़ा रखें। मन बड़ा होगा तो सुख और आनंद की प्राप्ति होगी। रक्षामंत्री ने कहा कि आज अगर इंटरनेशनल पटल पर भारत कुछ बोलता है तो सारी दुनिया कान खोलकर सुनती है कि भारत बोल क्या रहा है। हमारे देश के हीरो हमारे युवा हैं। कोरोना महामारी में हमने चुनौतियों को एक अवसर के रूप में देखा जिससे भारत स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनकर लगातार आगे बढ़ रहा है।
रक्षामंत्री ने मंच से बोलते हुए छात्रों को कहा कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाएंगे और नौजवानों के देखे गए सपने, काम और नई सोच को दुनिया में एक नई पहचान दिलाने का काम करेंगे। 12 जनवरी का दिन भारत के लिए विशेष है क्योंकि स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है,यह देशभर में युवा दिवस के रूप में मनाई जाएगी। मैं मानता हूं कि युवा दिवस मनाने के लिए इससे उपयुक्त दिवस कोई नहीं हो सकता क्योंकि स्वामी जी सही मायने में भारत के पहले ग्लोबल यूथ थे जिनका प्रभाव देश और विदेश दोनों जगह पर महसूस किया गया है। हमारे देश के युवाओं से बहुत अपेक्षाएं हैं, मुझे पक्का विश्वास है भारत अमृत काल में प्रवेश कर चुका है, भारत अब विकसित भारत बनकर रहेगा।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि आज मैं विश्वास के साथ कहता हूं, विश्व पटल पर पहले भारत को कुछ बोलने का अवसर नहीं मिलता था या भारत की बातों को गंभीरतापूर्वक नही लिया जाता था, लेकिन आज भारत नेशनल फार्म पर कुछ बोलता है तो सारी दुनिया कान खोलकर उसकी बात सुनती है कि भारत क्या बोल रहा है, हमारे देश के हीरो हमारे युवा हैं।
उन्होंने आईआईएमटी के विद्यार्थियों को जीवन में सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि तीन पी यानी पेशेंस, पर्सिस्टेंस औरप्रीजर्वेंस सबसे जरूरी है। यदि आपमें प्रतिभा है, दृढ़ इच्छाशक्ति है, स्पष्ट दृष्टि और कठिन परिश्रम करने की क्षमता है तो कोई भी आपको आगे बढ़ने से रोक नहीं सकता। अच्छे आइडिया के साथ आने वाले विद्यार्थियों के लिए संसाधनों और अवसरों की कमी नहीं है। आज सेना से जुड़े उपकरण भारत की धरती पर भारत के लोगों और वैज्ञानिकों द्वारा बनाए जा रहे हैं। हम उनका केवल उपयोग ही नहीं कर रहे हैं बल्कि दुनिया के दूसरे देशों को भी एक्सपोर्ट करने का कार्य कर रहे हैं। एक लाख 30 हजार स्टार्टअप देश में काम कर रहे हैं। आज भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है।
राजनाथ सिंह ने छात्र जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि सफलता के आखिरी मुकाम तक संघर्ष करते रहो और दायरा बढ़ाते चलो। जब आप सफल हो जाओगे, तब आपको पहले सुख मिलेगा, उसके बाद आनंद, फिर परम आनंद मिलेगा। यदि समझ नहीं आए तो इसे गणितीय विधि से भी समझ सकते हैं।
एक अच्छे शिक्षक के नाते विद्यार्थियों को आशीर्वाद देते हुए उन्होंने कहा कि एक बार फिर भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करने में आप अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं और ईश्वर आपको ऐसी क्षमता प्रदान करें। रक्षामंत्री ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आईआईएमटी विश्वविद्यालय के अनुशासन और शिक्षण की सराहना की।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने घोषणा की है कि विश्वविद्यालय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के नाम पर प्रतिवर्ष एक मेडल देगा। वहीं दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंच पर 25 मेधावियों को गोल्ड मेडल, प्रमाण पत्र और उपाधियां प्रदान की हैं।