विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहे हैं राजनीतिज्ञ : राजनाथ
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इस धारणा के चलते देश में राजनीतिज्ञों के लिए विश्वसनीयता का संकट है कि 'उनके कहने और करने में बहुत अंतर है।' सिंह ने उद्योग संगठन फिक्की की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में युवा महिला उद्यमियों को पुरस्कार वितरित करते हुए कहा कि एक आम धारणा है कि राजनीतिज्ञ झूठ बोले बिना सफल नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि मैं राजनीति के क्षेत्र में काम करता हूं। मुझे पता है कि राजनीतिज्ञों के लिए विश्वसनीयता का संकट है। एक आम धारणा है कि राजनीतिज्ञों के कहने और करने में बहुत अंतर है। गृहमंत्री ने कहा कि वे लोकसभा में लखनऊ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन प्रचार के दौरान उन्होंने कभी भी वादा नहीं किया बल्कि मतदाताओं को केवल भरोसा दिया कि वह उनकी जरूरत का कार्य करने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि वे जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल रही हैं और सरकार उन्हें प्रोत्साहित कर रही है। जब मैं भाजपा अध्यक्ष था तब मैंने निर्णय किया कि पार्टी में राष्ट्रीय से लेकर ग्रामीण स्तर तक महिलाओं का 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व होना चाहिए। इस संबंध में भाजपा अपने संविधान में संशोधन करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी थी।
सिंह ने कहा कि गृहमंत्री के तौर पर उन्होंने राज्य सरकारों को पुलिस बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर 33 प्रतिशत करने का परामर्श दिया और अर्द्धसैनिक बलों को भी यही करने का निर्देश दिया तथा अर्द्धसैनिक बलों में महिलाएं काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। (भाषा)