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बड़ी खबर! यात्रियों के इस कदम से रेलवे ने कमाए 14.07 अरब...

बड़ी खबर! यात्रियों के इस कदम से रेलवे ने कमाए 14.07 अरब... - Railway earns billions rupees on canclelation on tickets
इंदौर। रेलवे को टिकटों की बिक्री के साथ यात्रियों के अनुरोध पर उनके आरक्षित टिकट निरस्त करने से भी मोटी कमाई हो रही है। आरक्षित टिकटों को रद्द करने के बदले मूल टिकट राशि से कटौती के जरिए वसूले जाने वाले शुल्क से रेलवे का राजस्व वित्तीय वर्ष 2016-2017 में इसके पिछले साल के मुकाबले 25.29 प्रतिशत बढ़कर 14.07 रुपए अरब पर पहुंच गया।
 
मध्यप्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि उन्हें रेल मंत्रालय के रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र से आरटीआई के तहत यह जानकारी मिली है।
 
गौड़ की आरटीआई अर्जी पर 13 जून को भेजे जवाब में सीआरआईइस के एक अफसर ने यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) के तहत उपलब्ध जानकारी के हवाले से बताया कि रेलवे ने टिकट रद्द करने के अनुरोध पर यात्रियों से वसूले जाने वाले प्रभार से वित्तीय वर्ष 2015-2016 में 11.23 अरब रुपए, 2014-2015 में 9.08 अरब रुपए और 2013-2014 में 9.38 अरब रुपए कमाए। मुसाफिरों के अनारक्षित टिकटों को रद्द किए जाने पर वसूले जाने वाले शुल्क से भी रेलवे का खजाना भर रहा है।
 
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक अनारक्षित टिकटिंग प्रणाली के तहत बुक कराए गए यात्री टिकटों को रद्द किए जाने से रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2012-2013 में 12.98 करोड़ रुपए, 2013-2014 में 15.74 करोड़ रुपए, 2014-2015 में 14.72 करोड़ रुपए, 2015-2016 में 17.23 करोड़ रुपए और 2016-2017 में 17.87 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया।
 
गौड़ ने बताया कि रेलवे ने टिकट रद्द कराए जाने पर तय कटौती के बाद यात्री को रीफंड के नियमों में बदलाव को नवंबर 2015 में हरी झंडी दी थी और टिकट निरस्तीकरण शुल्क को पहले से लगभग दोगुना बढ़ा दिया था। इन संशोधित कायदों को सरकारी जुबान में रेल यात्री (टिकट रद्दकरण और किराए का प्रतिदाय) नियम 2015 के रूप में जाना जाता है।
 
बहरहाल, जब उन्होंने एक अलग आरटीआई अर्जी के जरिये इन नियमों में संशोधन से जुड़ी फाइल नोटिंग का ब्योरा मांगा, तो रेलवे बोर्ड के एक अफसर ने उन्हें आठ मार्च को भेजे जवाब में सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1) (डी) का हवाला देते हुए कहा कि चूंकि यह जानकारी रेलवे की वाणिज्यिक गोपनीयता का हिस्सा है। इसलिए इसे मुहैया नहीं कराया जा सकता।
 
गौड़ ने कहा, रेल टिकट रद्द कराने पर मिलने वाले रीफंड के नियमों की यात्रियों के हित में समीक्षा होनी चाहिए। रेलवे को कम से कम प्रतीक्षा सूची के उन टिकटों को रद्द करने पर कोई शुल्क नहीं वसूलना चाहिए, जो चार्ट बनने के बाद भी कन्फर्म नहीं हो पाते हैं। (भाषा)