राहुल गांधी का दांव पड़ा उल्टा, योगी सरकार ने दिया करारा जवाब
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के शिक्षा बजट की तरह स्वास्थ्य के वित्तीय प्रावधानों में भी कटौती करने के कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के व्यंग्य पर करारा जवाब दिया है। इससे राहुल गांधी का दांव उल्टा पड़ गया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को शिक्षा बजट के संदर्भ में एक ट्वीट में प्रदेश सरकार पर तंज करते हुए कहा था, 'मुख्यमंत्री योगी का शानदार कदम। अगली बार आप प्रदेश के सभी अस्पताल बंद करके और ज्यादा धन बचा सकते हैं।'
15 जुलाई की शाम को राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया था। उनहोंने योगी आदित्यनाथ को पैसे बचाने के लिए सभी अस्पताल बंद करने की सलाह दी थी। राहुल ने योगी सरकार पर शिक्षा के लिए बजट कम करने का आरोप लगाया था। अपने दावे को सही साबित करने के लिए राहुल ने अंग्रेज़ी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट का हवाला दिया था। जिसमें बताया गया है कि योगी ने इस बार शिक्षा के लिए बहुत कम पैसा दिया है।
इस पर राज्य सरकार ने सफाई देते हुए कहा है कि शिक्षा का बजट घटाने की बजाय उसमें पिछले साल के मुकाबले 25 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है। योगी सरकार के शिक्षा के लिए बजट कम करने को राहुल ने अपने ट्वीट में ‘ग्रेट मूव’ बताया था। लेकिन इस ट्वीट के ठीक 24 घंटे के भीतर नया ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में यूपी सरकार की तरफ से शिक्षा पर होने वाले खर्च का पूरा ब्योरा जारी किया गया था।
राज्य सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए राज्य के बेसिक, माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभागों का कुल बजट 62185.25 करोड़ है, जो वित्त वर्ष 2016-17 में 49607.93 करोड़ रुपए था। ऐसे में इस साल का बजट पिछले वर्ष के मुकाबले 25.4 फीसदी ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल बेसिक शिक्षा विभाग का बजट 38066.06 करोड़ रुपए था जो इस बार 31.7 की बढ़ोतरी के साथ 50142 करोड़ रुपए हो गया है। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा का बजट पिछले साल के 8956.86 करोड़ के मुकाबले इस बार 4.8 प्रतिशत बढ़ाकर 9387.44 करोड़ रुपए किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि उच्च शिक्षा के लिए भी बजट में पिछले साल के मुकाबले 2.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। पिछले साल इस विभाग का बजट 2585.01 करोड़ था, जो इस साल बढ़ाकर 2655.81 करोड़ रुपए कर दिया गया है। मालूम हो कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गत 11 जुलाई को अपना पहला बजट पेश किया था।