हिंसा प्रभावित सहारनपुर में राहुल गांधी को प्रवेश से रोका
लखनऊ। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सहारनपुर जातीय हिंसा से प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के लिए अधिकारियों से इजाजत नहीं मिलने के बाद शनिवार को पीड़ितों और उनके परिजनों से जिले की सीमा पर मुलाकात की। राहुल के साथ दौरे पर मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष ने हिंसा पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि वह उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए काम करेंगे।
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पुनिया ने बताया कि राहुल ने प्रशासन से हिंसा के मामलों की निष्पक्ष जांच करने और शांति एवं भाईचारे के लिए कदम उठाने की मांग की। जिला प्रशासन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को जिले में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी। प्रशासन ने जिले की सीमा पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम के साथ उन्हें जिले की सीमा पर रोक लिया।
पुनिया ने बताया कि राहुल ने जिला प्रशासन से पूछा कि उन्हें किस कानून के तहत सहारनपुर के अंदर प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जा रही है, जहां ठाकुरों और दलितों के बीच हिंसा हुई है और पांच मई को दलितों के घर फूंक दिए गए थे। इसके बाद राहुल जिले की सीमा पर स्थित एक ढाबे में गए और वहां पीड़ितों तथा उनके परिजनों से मुलाकात की।
पुनिया ने बताया कि राहुल गांधी ने प्रशासन से कहा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से मिलने की इजाजत दी जाए। इस पर प्रशासन ने कहा कि वहां भर्ती सभी लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती 23 लोगों को कल रात छुट्टी दे दी गई। उनके मुताबिक राहुल को हिंसा की घटनाओं और दलितों को 58 घर फूंके जाने के बारे में बताया गया।
पुनिया ने बताया कि पीड़ितों और उनके परिजनों ने राहुल से कहा कि महज कुल 5.12 लाख रुपया मुआवजा अब तक उन्हें बांटा गया है और दावा किया कि इस संकट को खड़ा करने वालों को शानदार मुआवजा मिला है। पुनिया ने बताया कि जिलाधीश ने राहुल को भरोसा दिलाया कि वह पीड़ितों को दिए मुआवजे की समीक्षा करेंगे। उन्होंने बताया कि राहुल आज सुबह दिल्ली से सहारनपुर सीमा पर पहुंचे और पीड़ितों से मिलने के बाद वापस लौट गए।
पुनिया ने कहा कि पीड़ितों ने मांग की है कि अगड़ी जाति के युवकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उनकी मौत की वजह दम घुटने से होने का पता चलता है इसलिए इसके लिए गिरफ्तार तीन लोगों को रिहा कर देना चाहिए। समझा जाता है कि इन युवकों की मौत पथराव करने के दौरान हुई थी।
इससे पहले, एडीजी कानून व्यवस्था आदित्य मिश्रा ने कहा था, हम जिले की सीमा पर कांग्रेस नेता से अनुरोध करेंगे कि वह यहां न आए। यहां स्थिति काफी नाजुक है और हम नही चाहते कि वह यहां आएं और लोग उत्तेजित हो जाएं। इसलिए उनके आने पर रोक लगाई गई है। मिश्रा तनावपूर्ण हालात होने के मद्देनजर वहां डेरा डाले हुए हैं। एडीजी ने यह चेतावनी भी दी कि यदि राहुल ने कानून का उल्लंघन किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि अंबेडकर जयंती मनाने के लिए एक जुलूस निकाले जाने के बाद करीब 40 दिन पहले सर्वप्रथम हिंसा भड़की थी। केंद्र ने इलाके में शांति बहाल करने के लिए जिला प्रशासन की मदद को लेकर 400 दंगारोधी पुलिसकर्मी सहारनपुर भेजे हैं। (भाषा)