उस नर्स से मिले राहुल गांधी, जिसने उन्हें जन्म के समय हाथों में लिया था
कोझिकोड। ठीक 49 साल पहले दिल्ली के एक अस्पताल में नवजात शिशु के तौर पर राहुल गांधी को अपने हाथों में उठाने वाली 72 वर्षीय सेवानिवृत्त नर्स राजम्मा ववाथिल को रविवार को जब कांग्रेस अध्यक्ष ने गले लगाया तो उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हुआ। राहुल के जन्म की गवाह रहीं राजम्मा के लिए अब युवा हो चुके राहुल को अपने सामने देखने के बाद अपनी खुशी को संभाल पाना बहुत मुश्किल था।
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने राजम्मा का हाथ पकड़कर उनको गले लगाया और उनके परिजनों से मुलाकात की। ये सभी लोग यहां स्थित एक अतिथि गृह में राहुल से मिलने आए थे।
राहुल ने 4.31 लाख मतों के अंतर से जिताकर खुद को संसद भेजने के लिए वायनाड के लोगों का आभार व्यक्त करने की खातिर यहां आए राहुल गांधी ने अपनी व्यस्तता के बावजूद राजम्मा के पति, नाती-पोतों सहित पूरे परिवार के लिए समय निकाला। उन्होंने राजम्मा के रिश्तेदारों और कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ फोटो भी खिंचवाई। इन लोगों को राहुल से मिलने के लिए बड़ी देर तक इंतजार करना पड़ा।
19 जून 1970 को जब दिल्ली के होली फैमिली अस्पताल में राहुल गांधी का जन्म हुआ था तो तब राजम्मा ने एक प्रशिक्षु नर्स के तौर पर वहां राहुल की देखभाल की थी। जब राजम्मा ने बताया कि उनके सामने राहुल का जन्म हुआ और नवजात राहुल को उन्होंने ही अपने हाथों में उठाया था तब मुस्कराते हुए राहुल उनकी बात ध्यान से सुनते रहे।
जाने से पहले राजम्मा ने राहुल को कटहल के चिप्स और मिठाई भेंट की जो उन्होंने खुद अपने हाथ से बनाई थी। राहुल ने राजम्मा से पुन: मिलने का वादा किया। रोमांचित राजम्मा ने बाद में कहा कि इतने साल बाद राहुल से मिलकर उन्हें बहुत खुशी हुई।
उन्होंने कहा कि मैं सचमुच बहुत खुश और रोमांचित हूं। मैं उन लोगों में से एक थी जिन्होंने नवजात राहुल को अपने हाथों में उठाया था। जब मैं उनसे मिली तब उन दिनों की यादें ताजा हो गईं।
राजम्मा ने कहा कि मुझे लगा कि मैं उन्हें कुछ भेंट करूं। इसलिए मैंने अपने हाथ से बनाए चिप्स और मिठाइयां उन्हें भेंट कीं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जब राहुल की नागरिकता को लेकर विवाद उठा था तब राजम्मा ने कहा था कि 19 जून 1970 को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल के जन्म के दौरान होली फैमिली हॉस्पिटल में जो लोग ड्यूटी पर थे, उनमें वह भी शामिल थीं।
उन्होंने यह भी कहा था कि वह उन लोगों में से हैं जिन्होंने नवजात राहुल को अपने हाथों में उठाया था। तब राजम्मा ने कहा था कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं क्योंकि मैं उन लोगों में से एक थी जिन्होंने नवजात राहुल को अपने हाथों में लिया था। वह बहुत ही प्यारे थे। मैं उनके जन्म की गवाह हूं। मैं रोमांचित थीं, (तत्कालीन) प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते को देखकर हम सभी रोमांचित थे।
उन्होंने बताया था कि राहुल की मां सोनिया गांधी को प्रसव के लिए अस्पताल के प्रसूति कक्ष में ले जाया गया और उनके पिता राजीव गांधी और चाचा संजय गांधी प्रसूति कक्ष के बाहर इंतजार कर रहे थे।
होली फैमिली अस्पताल से नर्सिंग का कोर्स करने वाली राजम्मा बाद में बतौर नर्स सेना में शामिल हो गई थीं। बाद में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजम्मा 1987 में केरल चली गईं और वायनाड में सुल्तान बठेरी के पास कल्लूर में रहने लगीं। (भाषा)
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