राफेल सौदे में कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला, निजी कंपनी को 1,30,000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट
नई दिल्ली। राफेल विमान सौदे में कथित अनियमितता को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निरंतर हमले कर रही कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि इस लड़ाकू विमान सौदे के संदर्भ में एक नामी भारतीय समूह की रक्षा कंपनी को कुल 1,30,000 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट मिला है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा करते हुए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और उन पर देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने कुछ दस्तावेज सामने रखते हुए कहा, राफेल सौदे की आए दिन खुलती परतें प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री द्वारा बोले गए झूठ की परतें खोल रही हैं। कल्चर ऑफ क्रोनी कैपिटलिज्म (छद्म पूंजीवाद की संस्कृति) मोदी सरकार का डीएनए बन गई है। इस सौदे से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाए जाने की बू आती है।
उन्होंने दावा किया कि फ्रांस के साथ 36 राफेल विमान की खरीद का समझौता होने के बाद इस विमान सौदे से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से लेकर एक निजी भारतीय समूह की रक्षा कंपनी को दिया गया, जबकि यह कंपनी समझौते से 12 दिन पहले पंजीकृत हुई थी और उसके पास विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं है।
सुरजेवाला के मुताबिक, इस निजी भारतीय कंपनी ने पिछले साल 16 फरवरी को बयान जारी कर कहा कि उसे राफेल से जुड़ा 30,000 करोड़ रुपए का 'ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट' और 1,00,000 एक लाख करोड़ रुपए का 'लाइफ साइकल कॉन्ट्रैक्ट' मिला है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि एक सरकारी विज्ञप्ति में रक्षामंत्री ने कहा कि उन्हें निजी कंपनी को ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि 'राष्ट्रीय हितों के साथ हुए खिलवाड़' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए।
सुरजेवाला ने सवाल किया कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण देश से क्यों झूठ बोल रही हैं? क्या प्रधानमंत्री स्वीकार करेंगे कि एचएएल से कॉन्ट्रैक्ट छीनकर एक निजी समूह को दिया गया? क्या रक्षामंत्री की अनुमति के बगैर ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट किया गया? (भाषा)