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Last Updated : मंगलवार, 11 अगस्त 2015 (13:55 IST)

ऐसे बदली राधे मां की किस्मत

ऐसे बदली राधे मां की किस्मत - Radhe maa Real story
स्वयंभू देवी राधे मां केस दर्ज होने के बाद मीडिया के सामने आईं। अब राधे मां का यह मायालोक लोगों के सामने आ रहा है। लाल गुलाब हाथ में लिए महंगी गाड़ियों की शौकीन राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर कभी अपना जीवन यापन करने के लिए सिलाई करती थी। भारी मेकअप और महंगे साड़ी-गहनों से लदी रहने वाली राधे मां को अनुयायी मां दुर्गा का अवतार मानते हैं।
स्वयं को देवी का अवतार बताने वाली राधे मां के खिलाफ मुंबई के बोरीवली इलाके में केस दर्ज हो चुका है। राधे मां पर एक महिला को उसके पति और ससुरालवालों से प्रताड़ित करवाने का आरोप लगा है। बोरीवली पुलिस ने इस मामले में राधे मां समेत 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। खबरों के मुताबिक पुलिस राधे मां से इस मामले में पूछताछ कर सकती हैं। 
 
वे मां की चौकी आयोजित करने‍ लिए भक्तों से लाखों रुपए लेती हैं। वे शाही अंदाज में माता की चौकी का आयोजन करती हैं। इस आयोजन में राधे मां की एंट्री भी धुआंधार होती है। मीडिया के सामने राधे मां दहेज उत्पीड़न और अश्लीलता के आरोपों पर को नकारती रही हैं। 
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पंजाब के गुरदासपुर स्थित दोरांगला गांव में 4 अप्रैल 1965 को राधे मां का जन्म हुआ था। उनका असली नाम सुखविंदर कौर है। राधे मां की शादी 18 साल की उम्र में मुकेरिया के मनमोहन सिंह से हुई थी।
राधे मां को अध्यात्म से परिचय महान रामदीन दास ने 23 साल की उम्र में कराया। 21 साल की उम्र में वे महंत रामाधीन परमहंस के शरण में जा पहुंचीं। परमहंस ने सुखविंदर को छह महीने तक दीक्षा दी। शादी के बाद राधे मां के पति कतर की राजधानी दोहा में नौकरी के लिए चले गए। राधे मां के तीन बच्चे हैं। राधे मां दादी तक बन चुकी हैं।  अगले पन्ने पर, चमत्कारिक राधे मां... 
 
 

मुंबई आने के बाद एक धार्मिक कार्यक्रम में सुखविंदर कौर की मुलाकात मुंबई के मशहूर बिजनेसमैन एमएम गुप्ता से हुई। राधे मां पर एमएम गुप्ता की बहू ने ही दहेज़ प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। गुप्ता मुंबई की मशहूर 'एमएम मिठाईवाला' दुकान के मालिक हैं। पहली मुलाक़ात के बाद किसी ने गुप्ता को बताया कि सुखविंदर के पास देवी की चमत्कारी शक्तियां है, इसलिए वे सुखविंदर को अपने बंगले ले आए। 
बंगले के ऊपर की दो मंजिल पर उन्होंने सुखविंदर को रहने की जगह दी। इसे लोग राधे भवन कहने लगे। इसके बाद सुखविंदर का चमत्कारी देवी कहकर प्रचार प्रसार होने लगा और वो राधे मां कहलाने लगी। यहीं से राधे मां के बड़े-बड़े भक्त बने। 
 
बताया जाता है कि एमएम मिठाईवाला की सिस्टर कंसर्न ग्लोबल मीडिया कंपनी ने राधे मां के लुक और रहन-सहन में बदलाव किया। राधे मां पहले सादे कपड़ों में रहा करती थी, लेकिन ग्लोबल मीडिया ने उनको ग्लैमरस रूप दिया। उनके कार्यक्रम और चौकियां भी बड़े लेवल पर होने लगी। देश-विदेश से भी जोड़ा गया। यहां तक की राधे मां पर फिल्म, गाने, वेब पोर्टल बनाए गए। अगले पन्ने पर, टल्ली बाबा करवाते हैं भक्तों से मुलाकात... 
 
 

सूत्रों के अनुसार राधे मां के करीबी टल्ली बाबा भक्तों की मुलाकात राधे मां से करवाते हैं। वे भक्तों को राधे मां के जागरण में आने का निमत्रंण देते हैं। इसके बाद दर्शन के दौरान राधे मां भक्तों को सोने की चैन या अंगूठी देती हैं। 
राधे मां की करीबी छोटी मां भी इस दौरान राधे मां के साथ होती हैं। इसके बाद अगर भक्त का कोई काम सफल हो जाता है तो उसे माता की चौकी आयोजित करने के लिए कहा जाता है। इस आयोजन की राशि भक्त की आर्थिक स्थिति के मुताबिक होती है। बताया जाता है कि राधे मां लक्जरी लाइफ स्टाइल की शौकीन हैं। 
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खबरों के अनुसार राधे मां के इस आयोजन के लिए लक्जरी प्रबंध किया जाता है। बताया जाता कि राधे मां के ये आयोजन दिल्ली, पंजाब और विदेशों में हो चुके हैं। इस आयोजन में राधे मां अपने भक्तों के साथ भजनों पर झूमती हैं। 
राधे मां अपने भक्तों को गुलाब बांटती हैं और भक्त उन्हें गोद में उठाकर झूमते हैं। राधे मां के आयोजन के लिए हेलीकॉप्टर करने को करती हैं और आयोजन स्थल पर लक्जरी गाड़ियों का इंतजाम किया जाता है। बताया जाता है कि राधे मां करीब एक हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति की  मालकिन हैं। सूत्रों के मुताबिक राधे मां के दर्शन और आशीर्वाद के लिए लोग अच्छी-खासी कीमत चुकाते हैं।