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Last Modified: मंगलवार, 13 सितम्बर 2016 (21:55 IST)

विश्‍वभर में तेजी से बढ़ रहे हैं प्रोस्‍टेट कैंसर रोगी

विश्‍वभर में तेजी से बढ़ रहे हैं प्रोस्‍टेट कैंसर रोगी - prostate cancer, prostate cancer, cancer
नई दिल्ली। कैंसर पर अनुसंधान करने वाली अन्तरराष्ट्रीय संस्था का मानना है कि विश्वभर में प्रोस्टेट कैंसर तेजी से बढ़ रहा है और 2030 तक 17 लाख नए मामले सामने आ सकते हैं और करीब पांच लाख लोगों की इससे मौत होने की आशंका है।
       
सफदरजंग अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अनूप कुमार ने कहा कि विश्व में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस कारण प्रोस्टेट कैंसर के प्रभावितों की संख्या आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ने की आशंका है। वर्ष 2020 तक प्रोस्टेट कैंसर दूसरा आम कैंसर का कारण बन सकता है।
        
डॉ. कुमार ने कहा कि समय पर पहचान और इलाज से प्रोस्टेट कैंसर की रोकथाम आसानी से की जा सकती है। नई तकनीक और दवाइयां इसमें काफी मददगार सिद्ध हो सकती हैं।
       
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राज्यों से मिली रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर दूसरा आम कैंसर है। एक लाख प्रोस्टेट कैंसर रोगियों में नौ या 10 मरीज भारत के पाए जाते हैं। यह संख्या एशिया और अफ्रीका के अन्य भागों की तुलना में बहुत अधिक है। हालांकि यूरोप और अमेरिका की तुलना में काफी कम है। 
 
दिल्ली, कोलकाता, पुणे और तिरुअनंतपुरम में प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में पाया जाने वाला दूसरे नम्बर पर है। बेंगलुरु और मुंबई  जैसे शहरों में इसका तीसरा स्थान है। दिल्ली के पुरुषों में यह दूसरा आम कैंसर है जो कुल कैंसर रोगियों में 6.78 प्रतिशत है। 
        
डॉ. कुमार के अनुसार जीवनशैली की अनियमितताओं से मोटापा बढ़ता है जिससे प्रोस्टेट कैंसर होने की आशंका अधिक रहती है। उनका कहना है कि इसके होने का कारण आनुवांशिक अधिक होता है। बीमारी के शुरुआती दौर में पता लग जाने पर इसका निश्चित उपचार किया जा सकता है। पारिवारिक इतिहास वाले लोगों को 40 साल की उम्र के बाद परीक्षण अवश्य कराना चाहिए। (वार्ता)