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Last Updated : गुरुवार, 5 नवंबर 2020 (07:28 IST)

भारतीय सेना में बड़ा बदलाव, पेंशन में कमी और सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने का प्रस्ताव

भारतीय सेना में बड़ा बदलाव, पेंशन में कमी और सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने का प्रस्ताव - Proposal for reduction of pension, retired, age of retirement, age in Indian Army
नई दिल्ली। यदि सबकुछ ठीक रहा तो भारतीय सेना (Indian Army) में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सैन्य मामलों का विभाग सशस्त्र सेनाओं में निर्धारित समय से पहले सेवानिवृत होने वालों की पेंशन (Pension)  में कमी करने तथा अधिकारियों की सेवानिवृत (Retirement) होने की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
 
नए प्रस्ताव के अनुसार सेना में कर्नल, ब्रिगेडियर और मेजर जनरल तथा नौसेना और वायु सेना में उनके समकक्षों के सेवा निवृत होने की आयु क्रमश 57, 58 और 59 वर्ष होगी। अभी यह आयु सीमा क्रमश 54, 56 और 58 वर्ष है। 
लेफ्टिनेंट जनरल और उनसे ऊपर के अधिकारियों के मामले में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लॉजिस्टिक्स, टेक्निकल, मेडिकल (ईएमई और एएससी सहित) जवानों और जेसीओ की तीनों सेनाओं में सेवा निवृति की उम्र 57 वर्ष करने का प्रस्ताव है।
नए प्रस्ताव में पेंशन को सेवा की अवधि से जोड़ने की बात कही गई है। इसके अनुसार 20 से 25 वर्ष की सेवा के बाद सेवा निवृत होने वाले को 50 प्रतिशत, 26 से 30 वर्ष की सेवा करने पर 60 प्रतिशत, 30 से 35 वर्ष की सेवा करने वाले को 75 प्रतिशत तथा 35 वर्ष से अधिक सेवा करने वाले को पूरी पेंशन दी जाएगी।
 
पेंशन में कमी के बारे में यह तर्क दिया गया है कि कई बार पद रिक्त न होने और कुछ सेवा शर्तों के चलते बड़ी संख्या में जवान तथा अधिकारी सेवा निवृत हो जाते हैं। इन्हें कई क्षेत्रों में कौशल का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है और यदि ये प्रशिक्षित लोग समय से पहले सेवा निवृत हो जाते हैं तो यह सशस्त्र सेनाओं के लिए नुकसान है। 
 
इसे देखते हुए पेंशन की समीक्षा करने का निर्णय लिया जा रहा है। युद्ध में मारे जाने वालों की पेंशन में किसी तरह के बदलाव का प्रस्ताव नहीं है। तीनों सेनाओं में इन प्रस्तावों को लेकर बेचैनी महसूस की जा रही है और इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही जा रही है। 
उल्लेखनीय है कि सेनाओं में पेंशन के बढते बिल को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं। आगामी 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में पेंशन बिल 1 लाख, 33 हजार 819 करोड़ रहने का अनुमान है, जो रक्षा मंत्रालय के बजट का 28 प्रतिशत है।