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Written By WD
Last Updated : बुधवार, 25 मई 2022 (00:22 IST)

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे 'आरोग्य मंथन' का शुभारंभ

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे 'आरोग्य मंथन' का शुभारंभ - President Ram Nath Kovind will launch 'Arogya Manthan'
भोपाल। 'एक देश एक स्वास्थ्य वर्तमान समय की आवश्यकता' विषय पर 28 मई 2022 को कुशाभाऊ अंतरराष्ट्रीय समागम केंद्र (मिंटो हॉल) भोपाल में प्रात: 11 बजे से आयोजित 'आरोग्य मंथन' कार्यक्रम का उद्घाटन देश के राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद करेंगे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल मंगूभाई पटेल एवं प्रदेश के आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे उपस्थित रहेंगे।

आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि कोरोना कालखंड में समाज के प्रत्येक व्यक्ति ने अनुभव किया कि प्रत्येक रोग की सटीक औषधि उपलब्ध होना ही आवश्यक नहीं है। स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए छोटे-छोटे उपक्रम भी अत्यंत प्रभावी होते हैं।
 
प्रत्येक व्यक्ति अगर स्वयं के स्वास्थ्य के लिए जागरूक हो जाए तो वह बगैर औषधि के स्वस्थ रह सकता है। यह कार्य सभी प्रकार के चिकित्सक एवं स्वास्थ्य में रुचि रखने वाले व्यक्ति भी कर सकते हैं। उपचार की दृष्टि से केवल एलोपैथिक चिकित्सा ही नहीं, एलोपैथी के साथ आयुर्वेद एवं होम्योपैथी अथवा पृथक-पृथक आयुर्वेद और होम्योपैथी भी इस विषम दौर में कारगर होती दिखाई दी।
 
इन निष्कर्षों के आधार पर अगर स्वास्थ्य के संपूर्णता में रोग निदान एवं रोकथाम में देखा जाए तो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचाई जा सकती है, साथ ही चिकित्सा एवं जनसंख्या अनुपात को भी ठीक किया जा सकता है इसलिए हमें एक देश एक स्वास्थ्य तंत्र की आवश्यकता महसूस हुई।
 
आरोग्य भारती गत 20 वर्षों से संपूर्ण देश में सेवा भाव से इस प्रकार के कार्य कर रही है। इस विषय से संबंधित आरोग्य मंथन में विषय विशेषज्ञों के वक्तव्य होंगे। इसी कड़ी में आरोग्य भारती के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र कुलकर्णी का मुख्य वक्तव्य होगा, साथ ही डॉक्टर संजय गुप्ता चिकित्सा शिक्षा एवं शोध कार्य विषय पर प्रकाश डालेंगे एवं डॉक्टर इन्द्रनील बसु 'क्लिनिकल प्रैक्टिस एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य' विषय पर अपने विचार रखेंगे। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में आरोग्य भारती के राष्ट्रीय पदाधिकारी व सभी चिकित्सा पद्धतियों से संबंधित विद्यार्थी, चिकित्सक, शिक्षक एवं शोधार्थी शामिल होंगे।