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Last Updated : सोमवार, 21 फ़रवरी 2022 (16:52 IST)

भारतीय नौसेना समुद्र की सुरक्षा बरकरार रखने में काफी सफल रही : राष्ट्रपति कोविंद

भारतीय नौसेना समुद्र की सुरक्षा बरकरार रखने में काफी सफल रही : राष्ट्रपति कोविंद - President Kovind said, the Indian Navy was very successful in maintaining the security of the sea
विशाखापत्तनम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि भारतीय नौसेना की निरंतर निगरानी, घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया और अथक प्रयास समुद्र की सुरक्षा को बनाए रखने में काफी सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत महासागरों के सतत उपयोग के लिए सहयोगात्मक उपायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, इस क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में विश्वास करता है।

बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम तट पर ‘प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू-2022’ के दौरान नौसेना के बेड़े को संबोधित करते हुए, सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर ने कहा कि जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों की उत्कृष्ट परेड ने राष्ट्र की समुद्री सेवाओं की पेशेवर क्षमता और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया है। परेड ने किसी भी आकस्मिक घटना के लिए भारतीय नौसेना की तैयारियों को भी प्रदर्शित किया।

कोविंद ने कहा, वैश्विक व्यापार की व्यापक गतिविधियां हिंद महासागर क्षेत्र से होकर गुजरती हैं। हमारे व्यापार और ऊर्जा जरूरतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा महासागरों के माध्यम से पूरा किया जाता है। इसलिए समुद्रों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बनी हुई है। उन्होंने कहा, सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, यह मेरे लिए बेहद संतुष्टि का क्षण है। देश को नौसेना के हमारे बहादुर कर्मियों पर गर्व है।

उन्होंने कहा, मुझे आज भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और हमारी समुद्री शक्ति के अन्य घटकों की तैयारी की समीक्षा करने में खुशी हो रही है। भारतीय नौसेना तेजी से आत्मनिर्भर हो रही है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल में सबसे आगे रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि देशभर के विभिन्न सार्वजनिक और निजी पोत कारखानों (शिपयार्ड) में निर्माणाधीन कई युद्धपोतों और पनडुब्बियों की लगभग 70 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी थी। कोविंद ने कहा, यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण किया है और जल्द ही हमारे पास स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ सेवा में शामिल हो जाएगा। स्वदेशी नौसैनिक जहाज निर्माण क्षमताओं का विकास ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने में एक प्रभावशाली योगदान है।

कोविड-19 महामारी के दौरान नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसने मित्र देशों को दवाओं की आपूर्ति के रूप में सहायता प्रदान की। कोविंद ने कहा कि विशाखापत्तनम शहर ने 1971 के युद्ध के दौरान शानदार योगदान दिया था।

उन्होंने कहा, मुझे तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की नौसैनिक नाकेबंदी में पूर्वी नौसेना कमान की वीरतापूर्ण कार्रवाई और पाकिस्तान की पनडुब्बी ‘गाजी’ के डूबने की याद आती है। यह पाकिस्तान के लिए एक जबरदस्त झटका था। वर्ष 1971 का युद्ध हमारे इतिहास की सबसे जोरदार जीत में से एक है।(भाषा)
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