Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 23 जून 2017 (14:19 IST)
राष्ट्रपति चुनाव : रामनाथ कोविंद ने भरा नामांकन
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। कोविंद की ओर से नामांकन पत्रों के चार सेट दाखिल किए गए।
इस अवसर पर कोविंद के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के साथ ही कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राजग के घटक दलों के नेता तथा कुछ विपक्षी दलों के नेता भी उपस्थित थे।
शिरोमणि अकाली दल के नेता एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोबाल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमनसिंह, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्रसिंह रावत और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह भी मौजूद थे।
राजग के घटक दलों के अलावा अन्नाद्रमुक, बीजद, टीआरएस और जदयू जैसे क्षेत्रीय दलों ने दलित नेता को समर्थन देने की घोषणा की है जिससे उनकी जीत लगभग तय प्रतीत हो रही है। अगले राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचन मंडल में 48.6 प्रतिशत मत राजग के घटक दलों के हैं।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि कोविंद को 61 प्रतिशत से अधिक मत मिलने की गारंटी है। कुछ क्षेत्रीय दलों ने अपने मत को लेकर अभी फैसला नहीं किया है। यदि उनके भी मत मिलते हैं तो यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए कोविंद के खिलाफ विपक्षी दलों ने लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष एवं दलित नेता मीरा कुमार को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया। चुनाव 17 जुलाई को होंगे और मतगणना 20 जुलाई को होगी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होगा।
यदि कोविंद को राष्ट्रपति चुन लिया जाता है तो वह सर्वोच्च संवैधानिक कार्यालय का पदभार संभालने वाले दूसरे दलित होंगे। पहले दलित राष्ट्रपति के आर नारायणन थे जो 1997-2002 में राष्ट्रपति भवन में थे।
क्या कहा कोविंद ने : नामांकन भरने के बाद रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत में राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च संवैधानिक पद और दलगत राजनीति से ऊपर है। मैं इस सर्वोच्च पद की गरिमा बनाए रखने की पूरी कोशिश करूंगा। राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का कमांडर होता है। सीमाओं की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस गरिमामय पद को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और डॉ. एपीजे कलाम जैसी शख्सियतों ने सुशोभित किया है।