लोकसभा चुनाव में प्रवासी भारतीय वोटर्स ने नहीं दिखाया उत्साह, क्या कहते हैं चुनाव आयोग के आंकड़े
Loksabha election news : प्रवासी भारतीयों ने मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने में काफी उत्साह दिखाया और करीब 1.2 लाख लोगों ने मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया, लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव में बहुत कम लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने आए।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 1,19,374 प्रवासी भारतीय मतदाताओं ने पंजीकरण कराया, जिनमें केरल में सबसे अधिक 89,839 प्रवासी भारतीयों ने पंजीकरण कराया। 2019 में, 99,844 प्रवासी भारतीयों ने पंजीकरण कराया था।
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए केवल 2,958 प्रवासी मतदाता ही भारत आए। इनमें से 2,670 मतदाता अकेले केरल से थे। कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कई बड़े राज्यों में प्रवासी मतदाताओं का मतदान में कोई योगदान नहीं देखा गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में लोकसभा चुनाव में 885 प्रवासी मतदाताओं में से केवल दो ने ही मतदान किया। महाराष्ट्र में भी लगभग यही स्थिति रही, जहां 5,097 अनिवासी भारतीय (एनआरआई) मतदाताओं में से केवल 17 ने ही मतदान किया।
मौजूदा चुनावी कानून के अनुसार पंजीकृत एनआरआई मतदाताओं को मत डालने के लिए अपने संबंधित लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों में आना पड़ता है। उन्हें अपनी पहचान के सबूत के तौर पर अपना मूल पासपोर्ट दिखाना पड़ता है।
आंकड़े बताते हैं कि आंध्र प्रदेश में 7,927 पंजीकृत एनआरआई मतदाता थे, लेकिन केवल 195 ही वोट देने आए। असम में 19 पंजीकृत मतदाताओं में से किसी ने भी मतदान नहीं किया। बिहार में भी यही स्थिति रही, जहां 89 पंजीकृत प्रवासी मतदाताओं में से किसी ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। गोवा में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, जहां 84 प्रवासी मतदाताओं में से किसी ने भी मतदान नहीं किया।
edited by : Nrapendra Gupta