वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) वाराणसी के मध्य में स्थित महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ गलियारे को सोमवार को लोगों को समर्पित करेंगे। इस विशाल परियोजना से वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
मार्च में रखी थी आधारशिला : इस बड़े कॉरिडोर की आधारशिला मोदी ने 8 मार्च 2019 को रखी थी जो मुख्य मंदिर को ललिता घाट से जोड़ता है और चारों दिशाओं में भव्य द्वार एवं सजावटी तोरण द्वार बनाए गए हैं। आधारशिला रखने के बाद मोदी ने कहा था कि यह परियोजना मंदिरों की रक्षा एवं संरक्षण और प्राचीन आस्था के साथ आधुनिक तकनीक के संयोजन के लिए एक मॉडल होगी।
वाराणसी के जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी घाट की तरफ से काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे और फिर कोरीडोर का उद्घाटन करेंगे। वे नए कॉरिडोर के परिसर और भवनों को देखेंगे। यह कार्यक्रम देश के सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में आए साधुओं की मौजूदगी में होगा। कई साधु पहुंच चुके हैं।
प्रतिष्ठित दशाश्वमेध घाट के पास ऐतिहासिक काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के अत्याधुनिक ढांचे का उद्घाटन अगले साल की शुरुआत में उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले 13 दिसंबर को होने वाला है। पत्थरों और अन्य सामग्री के साथ पारंपरिक शिल्प कौशल का उपयोग कर प्रवेश द्वार और अन्य संरचनाएं बनाई गई हैं।
इस कार्यक्रम के मद्देनजर यहां के अधिकांश निवासियों और घरेलू पर्यटकों में उत्साह है। इसे देखते हुए वाराणसी में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रतिष्ठित मंदिर के पास सड़कों पर नक्काशीदार लैम्पपोस्ट पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें इस परियोजना के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए मोदी की प्रशंसा की गई है।
काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट के अनुसार प्रसिद्ध धार्मिक स्थल को स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कई पुराने नक्शों में इस नाम का उल्लेख देखा जा सकता है। पुलिसकर्मियों की एक टुकड़ी अतिरिक्त बलों की सहायता से मंदिर परिसर, सार्वजनिक चौराहों पर तैनात है और सब कुछ सुचारू रूप से हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर गश्त कर रही है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम के महत्व को देखते हुए शहरभर में विशेष रूप से मंदिर और गलियारे के आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विशिष्ट मेहमानों और लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
पहले चरण का उद्घाटन : प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में कहा कि मोदी अपराह्न लगभग 1 बजे मंदिर जाएंगे और लगभग 339 करोड़ रुपए की लागत से बने श्री काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे।
बयान में कहा गया है कि भगवान शिव के तीर्थयात्रियों और भक्तों की सुविधा के लिए लंबे समय से मोदी का एक दृष्टिकोण था। इसमें कहा गया है, इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, श्री काशी विश्वनाथ धाम को गंगा नदी के किनारे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को जोड़ने के लिए आसानी से सुलभ मार्ग बनाने के वास्ते एक परियोजना के रूप में अवधारणा की गई थी।
प्रधानमंत्री की गहरी रुचि : प्रधानमंत्री ने परियोजना के सभी चरणों में गहरी और सक्रिय रुचि ली। बयान में कहा गया है कि उनके द्वारा नियमित ब्रीफिंग, समीक्षा और निगरानी की जाती थी क्योंकि उन्होंने परियोजना को बेहतर बनाने और दिव्यांगों सहित तीर्थयात्रियों के लिए इसे और अधिक सुलभ बनाने के लिए लगातार सुझाव और विचार दिए थे।
वर्ष 2014 से मोदी के संसदीय क्षेत्र रहे शहर में विशेष रूप से गोदौलिया चौक और उसके आसपास मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों को दिव्य काशी, भव्य काशी के नाम से हो रहे विशाल कार्यक्रम से पहले सजाया गया है। यहां के निवासी प्रधानमंत्री के आगमन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने पहले घोषणा की थी कि काशी विश्वनाथ धाम (काशी विश्वनाथ गलियारा) के उद्घाटन के बाद वाराणसी एक महीने तक सांस्कृतिक कार्यक्रम की मेजबानी करेगा और भाजपा शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में भाग लेंगे, जिसका देश भर में 51,000 से अधिक स्थानों पर सीधा प्रसारण किया जाएगा।
होगा सीधा प्रसारण : उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल ने कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए सभी प्रमुख शिव मंदिरों और अपनी सभी मंडल इकाइयों के आश्रमों में एलईडी लगाने की योजना बनाई है। भाजपा पदाधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री दो दिन वाराणसी में ठहरने वाले हैं। पहले दिन वह सबसे पहले बाबा काल भैरव का दर्शन-पूजन करने के बाद ललिता घाट पहुचेंगे, वहां से बाबा विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे। कार्यक्रम के बाद वह सभी मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ गंगा आरती में शरीक होंगे।
उन्होंने बताया कि अपने प्रवास के दूसरे दिन प्रधानमंत्री देशभर से आए मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद करेंगे। उसके बाद प्रधानमंत्री वाराणसी के उमरहा स्थित स्वर्वेद मंदिर के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में भाग लेंगे। यहां प्रधानमंत्री उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।
परियोजना की आलोचना : परियोजना को लेकर विभिन्न विशेषज्ञों ने आलोचना भी की थी, क्योंकि गलियारे के लिए बड़ी संख्या में पुरानी इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया था। दिसंबर की शुरुआत में परियोजना के वास्तुकार बिमल पटेल ने कहा था कि स्थल को विकसित करते समय मंदिर की मूल संरचना के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई, इस क्षेत्र को सुशोभित करने के अलावा, पर्यटक सुविधाओं को बढ़ाया गया है।
रिवर क्रूज पर बैठक : नरेंद्र मोदी सोमवार को काशी विश्वनाथ कोरीडोर का उद्घाटन करने के बाद रिवर क्रूज पर कई मुख्यमंत्रियों के साथ अनौपचारिक बैठक करेंगे और वाराणसी के घाटों पर गंगा आरती एवं जश्न देखेंगे। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि इस प्राचीन नगरी से सांसद प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों को काशी की भव्यता दिखाने की इच्छा जताई थी।
जिलाधिकारी ने कहा कि शाम को प्रधानमंत्री रिवर क्रूज पर मुख्यमंत्रियों एवं उप मुख्यमंत्रियों के साथ अनौपचारिक बैठक करेंगे। अपने क्रूज से प्रधानमंत्री गंगा आरती देखेंगे और घाटों पर भव्य उत्सव का आनंद उठाएंगे। यहां आतिशबाजी एवं लेजर शो भी होगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के सोमवार की सुबह वाराणसी हवाई अड्डे पर पहुंचने की संभावना है और वहां से वह हेलीकॉप्टर से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय जाएंगे जहां एक अस्थायी हेलीपैड बनाया गया है। फिर वह देवी का दर्शन करने काल भैरव मंदिर जाएंगे और फिर कोरीडोर से लगते घाट तक नदी मार्ग से जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नदी की तरफ से कॉरिडोर में प्रवेश करने की उनकी इच्छा थी जहां सभी इंतजाम किए गए हैं। रिवर क्रूज का पूर्वाभ्यास भी जारी है। शाम तक सभी प्रबंध हो जाने चाहिए। ललिता घाट पर मजदूर एक रैंप बनाने में व्यस्त दिखे जिसे क्रूज से कॉरिडोर के प्रवेश द्वार तक प्रधानमंत्री के चलने के लिए बनाया जा रहा है। विभिन्न धार्मिक मठों से जुड़े 3000 से अधिक साधु एवं अन्य लोग, कलाकार एवं हस्तियां 13 दिसंबर को कॉरिडोर के उद्घाटन में हिस्सा लेने के लिए इकट्ठा हो रही हैं। कार्यक्रम करीब 2 से 3 घंटे तक चलेगा।