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Last Modified: गुरुवार, 28 मार्च 2019 (09:14 IST)

फिल्म 'राम की जन्मभूमि' के खिलाफ याचिका, रिलीज पर रोक की मांग

film's birthplace of Ram
नई दिल्ली। संविधान के तहत मिली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को यदि बरकरार रखना है तो लोगों को सहिष्णु बनना पड़ेगा। यह बात बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कही। अदालत की यह टिप्पणी एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई के दौरान आई जो स्वयं को अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का वंशज बताता है।

उसने फिल्म ‘राम की जन्मभूमि’ के रिलीज पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने कहा, इस अदालत का मानना है कि भले ही सही हो या गलत, यदि संविधान के अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) को बरकरार रखना है तो लोगों को सहिष्णु होना पड़ेगा।

अदालत शहजादा याकूब हबीबुद्दीन तूसी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो खुद को मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का वंशज मानता है। याकूब ने फिल्म के निर्माता और केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि फिल्म की रिलीज रोकी जाए जो 29 मार्च को थिएटरों में प्रदर्शित होने वाली है।

यह टिप्पणी इन तथ्यों के मद्देनजर महत्वपूर्ण है कि तूसी ने आरोप लगाया है कि फिल्म में उन पर और उनके शाही परिवार पर व्यक्तिगत हमले किए गए हैं और इससे देश की अखंडता और संप्रभुता को खतरा होगा। उन्होंने आरोप लगाए कि फिल्म से देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।
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