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Last Modified: बुधवार, 17 दिसंबर 2014 (20:05 IST)

पाकिस्तानी बच्चों की याद में द्रवित भारत की संसद

पाकिस्तानी बच्चों की याद में द्रवित भारत की संसद - Peshawar
-शोभना जैन
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पेशावर में मंगलवार को हुए घोर कायराना और भीषण आतंकी हमले में मारे गए मासूम पाकिस्तानी बच्चों को बुधवार को देश की संसद, स्कूली बच्चों और देशभर ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। बुधवार सुबह संसद की बैठक शुरू होने पर लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों ने पेशावर में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलिस्वरूप 2 मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि दी।
संसद के सभी सदस्यों ने इस भयावह व कायराना आतंकी कृत्य की एक स्वर में घोर निंदा की है। लोकसभा अध्यक्ष द्वारा इस बारे में सदन में निंदा प्रस्ताव भी सदन में पेश किया जाएगा।
 
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर बुधवार सुबह जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, उत्तरप्रदेश से लेकर अंडमान तक के राज्यों में स्कूली बच्चों ने 2 मिनट का मौन रख इस जघन्य आतंकी हमले में मारे गए अपने पाकिस्तानी साथियों को याद कर उनके साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन के अनुसार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी कहा कि पिछले दो दिनों की घटनाएं आतंकवाद की गहराती काली छाया की अभिव्यक्ति प्रतीत होती हैं। इससे पूर्व संसद में भी स्वराज ने कहा कि पूरा देश संकट की इस घड़ी में पाकिस्तान के साथ है, हम मिलकर आतंकवाद का सफाया करेंगे।
 
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे के बाद मंगलवार देर रात पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से फोन पर बात कर इस क्रूर और जघन्य हादसे पर गहरी संवेदना प्रकट की। 
 
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा- ‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत पाकिस्तान के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ा हुआ है। दुख की इस घड़ी में भारत पूरी मदद मुहैया कराने को तैयार है।'
 
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ से कहा कि इस भयावह त्रासदी ने दुनिया की चेतना को झकझोर दिया है और साझा दर्द और दुख की यह घड़ी दोनों देशों और मानवता में विश्वास करने वालों के लिए यह आह्वान है कि वे आतंकवाद को निर्णायक ढंग से और पूरी तरह पराजित करने के लिए हाथ मिलाएं ताकि पाकिस्तान, भारत और दूसरी जगहों पर बच्चों का भविष्य आतंकवाद के साए के कारण अंधकार में न पड़े।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार देर शाम शरीफ के पेशावर से इस्लामाबाद लौटने के ठीक बाद उनसे बातचीत की।
 
अकबरुद्दीन ने ट्वीट के जरिए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में निर्दोष बच्चों की निर्मम हत्या न सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि पूरी मानवता के खिलाफ हमला है।
 
गौरतलब है कि मंगलवार को पेशावर के वरसाक रोड स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में भारी हथियारों से लैस अरबी भाषी तालिबान आत्मघाती हमलावर घुस गए और फिर खुद को उड़ाने से पहले अंधाधुंध गोलीबारी की। इस निर्मम आतंकवादी हमले में कम से कम 141 लोग मारे गए हैं जिनमें अधिकांश छात्र हैं। हमले में 130 लोग घायल भी हुए हैं।
 
इस हमले की पाशविकता और बर्बरता इसी बात से जाहिर होती है कि आतंकवादियों ने स्कूल की हर क्लास में घुस-घुसकर इधर-उधर छुप रहे बच्चों पर गोलियां बरसाईं। आतंकी गुट तहरीके-तालिबान-पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेवारी ली है। खबरों के अनुसार आतंकी अरबी भाषा में बात कर रहे थे और उनकी उम्र 18-20 बरस के करीब लग रही थी।
 
सीमावर्ती खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर में हुए इस आतंकी हमले की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित समूचे विश्व समुदाय ने तीव्र भर्त्सना की है। इस हादसे के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कायराना आतंकी हमले की तीव्र भर्त्सना करते हुए कहा था कि यह कांड अकथनीय पाशविकता का कृत्य है जिसने स्कूल पढ़ने गए मासूम नन्हे बच्चों की जिंदगियां छीन लीं।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा- 'मेरी दिली संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने मंगलवार के इस कुकृत्य में अपनों को खो दिया। उनके दर्द और तकलीफ की इस घड़ी में हम उनके साथ हैं। हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।' (वीएनआई)