सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा की अंतरिम जमानत 3 मार्च तक बढ़ाई, मोदी के खिलाफ की थी अभद्र टिप्णणी
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़े एक मामले में दी गई अंतरिम जमानत की अवधि 3 मार्च तक बढ़ा दी। असम पुलिस ने पिछले हफ्ते खेड़ा को गिरफ्तार किया था। रायपुर की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 फरवरी को उन्हें जमानत दे दी थी।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 न्यायाधीशों की पीठ ने असम की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता के उस प्रतिवेदन पर संज्ञान लिया कि प्रदेश की पुलिस मामले में अपना जवाब दाखिल करना चाहती है।
उत्तरप्रदेश की तरफ से पेश हुईं अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि वे भी इस मामले में जवाब दाखिल करेंगी। पीठ ने प्रतिवेदनों पर संज्ञान लिया और खेड़ा की याचिका पर सुनवाई 3 मार्च को निर्धारित की और साथ ही स्पष्ट किया कि 23 फरवरी को उन्हें (खेड़ा को) दी गई अंतरिम जमानत तब तक प्रभावी रहेगी।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि शुक्रवार को सूचीबद्ध करें। जवाबी हलफनामे (असम और उत्तरप्रदेश सरकारों के जवाब) दाखिल किए जाएं, अंतरिम सुरक्षा (अंतरिम जमानत) सुनवाई की अगली तारीख तक बढ़ाने को मंजूरी दी गई। पीठ में न्यायमूर्ति पीए नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं।
मुंबई में 17 फरवरी को एक संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ खेड़ा की कथित टिप्पणी के संबंध में उन्हें पिछले दिनों रायपुर जाने वाली उड़ान से दिल्ली हवाई अड्डे पर उतारे जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। यहां की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 फरवरी को उन्हें जमानत दे दी थी। इससे पहले उसी दिन अत्यावश्यक आधार पर मामले की सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी।
पीठ ने कहा था कि याचिकाकर्ता (खेड़ा) जब तक कि सभी प्राथमिकियों के संबंध में न्यायिक अदालतों के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन नहीं करते हैं, हम निर्देश देते हैं कि सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को दिल्ली में सक्षम मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। पीठ ने कहा था कि उपरोक्त आदेश 28 फरवरी तक प्रभावी रहेगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta