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Last Updated : सोमवार, 27 फ़रवरी 2023 (23:59 IST)

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल के सामने बड़ा संकट, अब दिल्ली बजट का क्या होगा?

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल के सामने बड़ा संकट, अब दिल्ली बजट का क्या होगा? - Delhi govts budget preparation likely to be affected after Manish Sisodias arrest
नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अगले वित्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार के बजट की तैयारियों पर असर पड़ सकता है। सिसोदिया के पास वित्त विभाग का भी प्रभार था। विभाग अभी बजटीय आवंटन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। अब केजरीवाल सरकार के सामने एक नया संकट खड़ा हो गया है।
 
एक अधिकारी ने कहा कि विभिन्न विभागों ने अपना बजटीय अनुमान, इस साल इस्तेमाल बजट का ब्योरा भेज दिया है। बजट को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। विभिन्न विभागों को किये जाने वाले आवंटन को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है।’’
 
पहले बजट को मार्च के दूसरे सप्ताह के आसपास पेश किए जाने की योजना थी, लेकिन अब इसे तीसरे या चौथे सप्ताह में पेश किया जा सकता है। हालांकि, इसे एक अप्रैल से पहले पेश किया जाना है। आबकारी नीति मामले में सीबीआई की पूछताछ से पहले सिसोदिया ने बजट संबंधी कई बैठकें की थीं।
 
आम आदमी पार्टी (आप) में सूत्रों ने बताया कि राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत इस बार दिल्ली सरकार का बजट पेश कर सकते हैं।
आप पदाधिकारी ने कहा कि चूंकि ऐसी आशंका थी कि सीबीआई उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर सकती है, तो गहलोत पिछले कुछ दिन से बजट संबंधी बैठकों में भाग ले रहे थे। 
गहलोत 2023-24 का बजट पेश कर सकते हैं। इसे अगले महीने पेश किया जाना है। अगर सिसोदिया को जमानत मिल जाती है, तो वह बजट पेश करेंगे, लेकिन यदि उन्हें जमानत नहीं मिलती, तो गहलोत बजट पेश कर सकते हैं।

5 दिन की हिरासत में भेजा : आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक दिन पहले गिरफ्तार किए गए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को यहां एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया।
जांच एजेंसी ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को यहां एक विशेष अदालत में पेश किया और उन्हें पांच दिन के लिए उसकी हिरासत में सौंपने का अनुरोध किया। इसके बाद, विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सिसोदिया को चार मार्च तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
 
न्यायाधीश ने कहा कि हालांकि आरोपी इस मामले में पहले दो मौकों पर जांच में शामिल हुए हैं, लेकिन यह भी देखा गया है कि वह जांच एवं पूछताछ के दौरान किए गए अधिकतर प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि सिसोदिया अब तक की गई जांच के दौरान कथित रूप से उनके खिलाफ पाए गए आपत्तिजनक सबूतों के संबंध में उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहे हैं।
 
अदालत ने कहा कि उनके (सिसोदिया के) कुछ अधीनस्थों ने कुछ तथ्यों का खुलासा किया है जिन्हें उनके खिलाफ आरोप के रूप में लिया जा सकता है और उनके खिलाफ कुछ दस्तावेजी सबूत भी सामने आ चुके हैं।
 
न्यायाधीश ने कहा कि उचित और निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित एवं वैध जवाब मिलें और इसलिए इस अदालत की राय में यह आरोपी की हिरासत में पूछताछ से ही संभव है।
 
उन्होंने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, आरोपी को आगे और विस्तृत पूछताछ के लिए पांच दिन की अवधि यानी चार मार्च, 2023 तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा जाता है। 
 
सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति (अब रद्द की जा चुकी) को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।
 
अदालत में एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील ने कहा कि उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी हुई है।
 
आप नेता के वकील ने दलील दी कि मैं कोई निर्णय नहीं ले सकता। इसे उपयुक्त प्राधिकार द्वारा मंजूरी दी जानी होती है।’’ सिसोदिया ने दावा किया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी रिमांड के लिए सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया।
 
सिसोदिया के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए अदालत से कहा कि मैं वित्त मंत्री हूं। मुझे बजट पेश करना है...कल ऐसा क्या बदल गया कि वित्त मंत्री को हिरासत में रखना है? क्या वह आगे उपलब्ध नहीं रहेंगे? या यह गिरफ्तारी छिपे हुए मकसद को लेकर की गई? यह मामला एक व्यक्ति और संस्था पर हमला है। उन्होंने कहा,‘‘यह रिमांड से इनकार करने का एक उपयुक्त मामला है।’’
 
उन्होंने दलील दी कि सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के सदस्य के तौर पर कार्य किया और इसलिए फैसले के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, न ही उस फैसले पर सवाल उठाया जा सकता है। जांच एजेंसी के वकील ने दलील दी कि गिरफ्तार किए गए उपमुख्यमंत्री को हिरासत में रखकर मामले में पूछताछ करने की जरूरत है।
 
सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया ने दावा किया है कि मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जांच से यह पता चला कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फैसले लिए थे।
 
सिसोदिया के वकील ने आप नेता को सीबीआई की हिरासत में भेजने संबंधी उसके अनुरोध का विरोध करते हुए दलील दी कि सीबीआई ने कहा है कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन बदले थे, लेकिन यह अपराध नहीं है।
 
वकील ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल से सुझाव लेने के बाद नीति लागू की गई थी और चूंकि इसके लिए परामर्श की जरूरत थी, इसलिए साजिश की कोई संभावना नहीं थी। उन्होंने कहा कि मैंने हर चीज खुली रखने की कोशिश की। अदालत में, सिसोदिया का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता डी. कृष्णन, मोहित माथुर और सिद्धार्थ अग्रवाल ने किया। एजेंसी ने अदालत को बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है।
 
सीबीआई ने इस महीने की शुरुआत में, न्यायाधीश से अनुमति लेने के बाद मामले के सिलसिले में दिल्ली सरकार के एक और मंत्री सत्येंद्र जैन से तिहाड़ जेल में पूछताछ की थी। जैन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन के एक मामले के सिलसिले में तिहाड़ जेल में हैं। वह आबकारी नीति मामले में आरोपी नहीं हैं। भाषा Edited By : Sudhir Sharma