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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 12 अगस्त 2016 (14:03 IST)

संसद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, जीएसटी रहा सरकार की बड़ी उपलब्धि

Parliament
नई दिल्ली। संसद की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस मानसून सत्र में जीएसटी विधेयक का पारित होना सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही। लोकसभा की 20 बैठकों में 121 घंटे कामकाज हुआ तथा जीएसटी समेत 13 विधेयक पारित हुए।
 
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा से पूर्व मानसून सत्र में संपन्न कामकाज की जानकारी सदन के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि 16वीं लोकसभा का 9वां सत्र 18 जुलाई 2016 को शुरू हुआ और एक वर्तमान एवं कुछ पूर्व सांसदों के निधन पर दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई।
 
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कुछ महत्वपूर्ण विधायी एवं वित्तीय कामकाज को पूरा किया गया। इस दौरान 2016-17 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों एवं संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया जिस पर 4 घंटे 53 मिनट चर्चा हुई।
 
अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान 14 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 13 विधेयक पारित हुए जिनमें भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक 2016, दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक 2016, बाल श्रम रोकथाम एवं नियमन संशोधन विधेयक 2016, बेनामी लेन-देन रोकथाम विधेयक 2015, ऋण वसूली से संबंधित संशोधन विधेयक, कर्मचारी मुआवजा संशोधन विधेयक, कराधान संशोधन विधेयक और कारखाना संशोधन विधेयक 2016 शामिल हैं।
 
अध्यक्ष ने बताया कि सदन ने राज्यसभा की ओर से जीएसटी से संबंधित 122वें संविधान संशोधन विधेयक में किए गए संशोधनों को पारित किया और राज्यसभा के संशोधनों पर सहमति व्यक्त की।
 
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान 400 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध थे जिसमें से 99 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। यह प्रतिदिन के हिसाब से 4.95 प्रश्न होते हैं, शेष तारांकित प्रश्नों एवं 4,600 अतारांकित प्रश्नों के लिखित उत्तर सभा पटल पर रखे गए।
 
सत्र के अंतिम दिन सदन ने कश्मीर की स्थिति पर एक प्रस्ताव पारित किया और वहां लंबे समय से जारी कर्फ्यू, हिंसा तथा लोगों के मारे जाने पर गंभीर चिंता प्रकट की गई। प्रस्ताव में यह दृढ़ विचार व्यक्त किया गया कि भारत की एकता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं हो सकता।
 
अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान रेलवे अभिसमय समिति की पहली रिपोर्ट के संबंध में एक सरकारी प्रस्ताव को मंजूर किया गया जिस पर करीब 4 घंटे चर्चा चली। इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पर दुष्यंत चौटाला के प्रस्ताव पर आधे घंट की चर्चा हुई और संबंधित मंत्री ने जवाब दिया।
 
बैठक के दौरान सदस्यों ने देर तक बैठकर लोक महत्व के 618 विषयों को उठाया। सदस्यों ने नियम 377 के तहत भी 367 विषय उठाए। सदन में स्थायी समिति की 32 रिपोर्ट भी पेश की गई।
 
अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान नियम 193 के तहत कश्मीर घाटी में हाल की हिंसा, मूल्य वृद्धि, टिकाऊ विकास लक्ष्य और दलितों पर अत्याचार के विषय पर चर्चा हुई और 3 विषयों पर मंत्री ने जवाब दिया।
 
इस सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से 2 विषय उठाए गए जिसमें महानदी पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बांध बनाने से ओडिशा के हीराकुंड बांध में पानी का प्रवाह कथित तौर पर प्रभावित होने तथा देश में इंसेफेलाइटिस का प्रभाव शामिल हैं। इस पर संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिया।
 
सत्र के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर मंत्रियों ने 42 बयान दिए और संसदीय कार्य मंत्री ने 3 बयान दिए। बैठक के दौरान सदन में मंत्रियों ने 907 कागजात सभा पटल पर पेश किए। सदन में सदस्यों ने 84 निजी विधेयक पेश किए। 5 अगस्त को सदन ने वैजयंत पांडा द्वारा 26 फरवरी 2016 को पेश उभयलिंगी के अधिकार संबंधी विधेयक पर चर्चा स्थगित कर दी गई।
 
राज्यसभा की बैठक भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित : राज्यसभा का 18 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया तथा यह सत्र इस लिहाज से बेहद रचनात्मक रहा कि इसमें जीएसटी संबंधित संविधान संशोधन विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए वहीं कश्मीर की स्थिति सहित कई महत्वपूर्ण लोक महत्व के मुद्दों पर चर्चा की गई।
 
सभापति हामिद अंसारी ने सत्र को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में सत्र को काफी रचनात्मक करार देते कहा कि 20 बैठकों वाले इस 240वें सत्र में 112 घंटे से अधिक कामकाज हुआ। सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में मौजूद थे।
 
मौजूदा सत्र में सबसे महत्वपूर्ण विधायी कार्य वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) संबंधी संविधान का 122वां संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया जाना रहा। यह विधेयक पिछले कई सत्रों से उच्च सदन में लंबित था। विधेयक पारित करने से पहले इसके विभिन्न प्रावधानों पर लंबी चर्चा हुई। सत्र के दौरान उच्च सदन में कुल मिलाकर 14 सरकारी विधेयक पारित किए गए।
 
इस दौरान 14 निजी विधेयक पेश किए गए वहीं कुछ विधेयकों एवं संकल्पों पर विचार-विमर्श हुआ। सत्र के दौरान आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा देने संबंधी कांग्रेस के केपीवी रामचंद्र राव के निजी विधेयक पर भी चर्चा हुई। 
 
हालांकि मतदान के समय सत्तापक्ष द्वारा इसे धन विधेयक होने का दावा किए जाने पर विपक्ष एवं सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बाद में आसन ने इस विधेयक को लोकसभाध्यक्ष के पास भेज दिया ताकि वे फैसला कर सकें कि यह धन विधेयक है या नहीं।
 
सत्र के दौरान उच्च सदन में कश्मीर की ताजा स्थिति पर भी दो बार अलग-अलग चर्चा हुई। सदन ने कश्मीर की मौजूदा स्थिति के संबंध में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य में समाज के हर वर्ग से शांति एवं सौहार्द जल्द स्थापित करने के लिए गंभीरता से काम करने और लोगों विशेषकर युवाओं में विश्वास बहाली की प्रतिबद्धता जताई। 
 
इस दौरान दलितों, मूल्यवृद्धि, मसौदा शिक्षा नीति तथा उत्तराखंड एवं अरुणाचल में हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर राज्यपाल की भूमिका पर अल्पकालिक चर्चा हुई। इसके अलावा वायुसेना के लापता विमान तथा पाकिस्तान में दक्षेस गृहमंत्रियों की बैठक के बारे में क्रमश: रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान हुए। इन बयानों पर सदस्यों ने स्पष्टीकरण पूछे।
 
सत्र के दौरान 59 नवनिर्वाचित, पुनर्निर्वाचित या मनोनीत सदस्यों ने सदन की सदस्यता की शपथ ली। सत्र के दौरान सदस्यों ने शून्यकाल में लोकमहत्व के 123 मुद्दे उठाए जिनमें से 21 पर मंत्रियों ने जवाब भी दिए। इस दौरान विशेष उल्लेख के जरिए लोक महत्व के 51 मुद्दे उठाए। (भाषा)
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