योगी के ‘सुशासन राज’ में 10 दिनों से इंसाफ के लिए भटक रहा पत्रकार, समर्थन में आए ग्रामीण
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के मंत्री इन दिनों सुशासन का पाठ सीखने के लिए IIM के प्रोफेसरों की क्लास कर रहे है। सरकार बेहतर तरीके से कैले चलाया जाए और कैसे लोगों को उनका हक मिल सके इसके लिए देश के टॉप प्रोफेसर मंत्रियों को सुशासन का पाठ पढ़ा रहे हो लेकिन दूसरी ओर उसी योगी सरकार के सुशासन राज में सरकारी सिस्टम को आईना दिखाने वाला पत्रकार अब भी न्याय की मांग लेकर भटक रहा है।
मिर्जापुर के सरकारी स्कूल में मिडडे मील में बच्चों को रोटी और नमक देने की सच्चाई सरकार के सामने लाने वाला पत्रकार पिछले दस दिनों से अपने उपर दर्ज हुई एफआईआर को खत्म करने की मांग के लिए अफसरों के चक्कर लगा रहा है लेकिन योगी के सुशासन राज में उसको न्याय नहीं मिल पा रहा है। पूरे मामले के सामने आने के बाद जिस तरह प्रशासन ने आनन- फानन में पत्रकार पवन जायसवाल पर चार संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है उसमें अब भी सिर्फ जांच के नाम पर कार्रवाई जारी है।
वेबदुनिया से बातचीत में पत्रकार पवन जायसवाल कहते हैं पूरे मामले को समाने लाने के बाद जिला प्रशासन के इशारे पर उन पर जानबूझकर जो केस दर्ज किया गया था उसको अब 10 दिन हो गए है लेकिन अब तक पुलिस ने उनका नाम एफआईआर से हटाया नहीं है। केस दर्ज होने के बाद बराबर वह पुलिस के संपर्क में है लेकिन अब तक न तो उनसे किसी प्रकार की पूछताछ हुई है और न ही उनसे पुलिस ने कोई संपर्क किया है।
पवन कहते हैं कि अब तक पुलिस और प्रशासन के अफसरों की तरफ से उनसे संपर्क करने की पहल नहीं की गई बल्कि वह खुद पुलिस और प्रशासन के अफसरों से कई बार संपर्क कर चुके है लेकिन इतने दिनों में उनको केवल आश्वासन ही मिला है। अफसर केवल उनसे जांच जारी रखने की बात कह रहे है। पवन कहते हैं कि उनके सथियों ने उनके लिए इंसाफ की मांग को लेकर जब जिला कलेक्टर से मिले थे तब भी कलेक्टर ने केवल जांच जारी रहने की बात कही थी।
सच दिखाने के बाद जागा प्रशासन : पत्रकार पवन जायसवाल के शिऊर गांव की बदहाली की सच्चाई दिखाई जाने के बाद अब जिला प्रशासन नींद से जाग गया है। जिला प्रशासन की टीम लगातार गांव पहुंचकर कैंप लगाकर लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ दे रही है। प्रशासन की टीम लोगों की समस्या सुनकर राशन कार्ड,बिजली कनेक्शन से लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में लोगों का बताकर उनसे फॉर्म भरवा रही है। वहीं प्रशासन की टीम के गांव पहुंचने को ग्रामीण केवल दिखावे की कार्यवाही बता रहे है।
पत्रकार के समर्थन में उतरा गांव : मिडडे मील में भष्टाचार का खुलासा करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल के समर्थन में अब गांव के लोग भी सामने आ गए है। गांव पहुंचे सरकारी कर्मचारियों और अफसरों को गांव वालों ने खरी खोटी सुनाते हुए पत्रकार पर से केस वापस लेने की मांग की है। गांव वालों का कहना हैं कि सच दिखाने वाले पत्रकार को गलत तरीके से फंसाया गया।
गांव वालों ने पत्रकार पवन जायसवाल पर दर्ज केस वापस लेने की मांग करते हुए अपने बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर दिया है। वेबदुनिया से बातचीत में पवन कहते हैं कि जब उनको इसका पता चला तो उन्होंने खुद लोगों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने की अपील की। बातचीत में पवन कहते हैं कि वह नहीं चाहते है कि उनके चलते बच्चों की पढ़ाई नहीं प्रभावित हो। वहीं मिडडे मील में नमक- रोटी मिलने वाले स्कूल में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने स्कूल में डॉक्टरों की टीम भी पहुंची।