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Last Modified: गुरुवार, 25 मार्च 2021 (23:51 IST)

गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे परमबीर, स्थानांतरण में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया

गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे परमबीर, स्थानांतरण में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया - Parambir Singh reached High Court against Home Minister Anil Deshmukh
मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को लेकर बंबई उच्च न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका दायर की है। परमबीर ने दावा किया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपए वसूलने को कहा था।जनहित याचिका में राज्य में पुलिस स्थानांतरण और पदस्थापना में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया गया है।

आईपीएस अधिकारी ने इसी हफ्ते पूर्व में उच्चतम न्यायालय का रुख किया था जिसने बुधवार को मामले को गंभीर करार दिया था। न्यायालय में अधिकारी ने देशमुख के खिलाफ भी याचिका दी थी, हालांकि अदालत ने उनसे बंबई उच्च न्यायालय में जाने को कहा था।

आपराधिक जनहित याचिका में सिंह द्वारा पूर्व में लगाए गए आरोपों को दोहराया गया और राकांपा नेता देशमुख के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से तत्काल, पूर्वाग्रह रहित और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई। सिंह ने उच्च न्यायालय से सीबीआई को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि वह देशमुख के आवास से इस साल की शुरुआत की सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित करे इससे पहले की उसे नष्ट कर दिया जाए।

इसके साथ ही याचिका में यह अनुरोध भी किया गया है कि वह राज्य सरकार को यह निर्देश भी दे कि वह आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला से मार्च 2020 से हुए सभी संवाद को रिकॉर्ड के तौर पर पेश करे।

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि शुक्ला ने पिछले साल फरवरी में देशमुख के खिलाफ पुलिसकर्मियों की तैनाती और स्थानांतरण में कदाचार का आरोप लगाया था और अपने वरिष्ठों को भी इस बारे में जानकारी दी थी, लेकिन इसके बाद जल्द ही उनका स्थानांतरण हो गया।

इसमें कहा गया कि अदालत को यह सुनिश्चित करने के लिए आदेश पारित करना चाहिए कि भविष्य में किसी पुलिस अधिकारी का स्थानांतरण किसी राजनेता के आर्थिक लाभ के लिए न हो। विपक्षी भाजपा ने इस हफ्ते के शुरू में आरोप लगाया था कि शुक्ला जब खुफिया आयुक्त थीं तो उन्होंने फोन कॉल की बातचीत दर्ज की थी और पुलिस स्थानांतरण में भ्रष्टाचार के साक्ष्य एकत्र किए थे।

पीआईएल में दावा किया गया कि पिछले महीने देशमुख ने वाजे समेत कुछ पुलिस अधिकारियों को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली करने का निर्देश दिया, जिनमें से करीब 40 से 50 करोड़ मुंबई के 1750 बार और रेस्तरां से जुटाए जाने थे।

सिंह ने पहले यह आरोप मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में उठाए थे। देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है।जनहित याचिका में यह आरोप भी लगाया गया कि देशमुख ने दादरा नगर हवेली के सांसद मोहन देलकर की खुदकुशी मामले की जांच में हस्तक्षेप किया और उन पर मामले में भाजपा नेताओं को फंसाने के लिए दबाव डाला।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ने देशमुख पर पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण व तैनाती में भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया। जनहित याचिका पर अगले हफ्ते मुख्य न्यायाधीश दिपांकर दत्ता के नेतृत्व वाली पीठ द्वारा सुनवाई किए जाने की उम्मीद है।(भाषा)
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