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Last Updated : शुक्रवार, 23 अगस्त 2024 (13:31 IST)

Medicine Ban in India: पेनकिलर, मल्टी विटामिन समेत केंद्र सरकार ने इन 156 दवाओं पर लगाया प्रतिबंध

Medicine Time After Food
Medicine Ban in India: सिरदर्द हुआ, बुखार हुआ या एलर्जी हो गई तो आप तुरंत मेडिकल शॉप पर पहुंचकर टेबलेट ले लेते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। अब आप कुछ दवाओं को मेडिकल से नहीं खरीद पाएंगे। इस सूची में कई तरह की दवाएं शामिल हैं।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 156 कॉकटेल दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि इन प्रतिबंधित दवाओं की सूची में वे दवाएं शामिल हैं, जिनका उपयोग बालों के बढाने, त्वचा को हेल्‍दी बनाने और दर्द से राहत के लिए या मल्टीविटामिन, एंटीपैरासिटिक्स, एंटीएलर्जिक्स और बहुत कुछ दूसरे रूप में किया जाता है।

क्‍या है FDC फार्मूला : इन्‍हें फिक्‍स्‍ड डोज कॉम्‍बिनेशन कहा जाता है। फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDC) ऐसी दवाएं हैं, जो एक ही गोली में एक से अधिक दवाओं को मिलाती हैं और इन्हें ‘कॉकटेल’ दवाएं भी कहा जाता है। इस तरह के प्रतिबंध से दवा बाजार पर कितना असर होगा इसकी अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है। लेकिन सिप्ला, टोरेंट, सन फार्मा, आईपीसीए लैब्स और ल्यूपिन जैसी प्रमुख फार्मा कंपनियों के कुछ उत्पाद प्रतिबंध से प्रभावित हुए हैं।

किन दवाओं पर लगा प्रतिबंध : दवा उद्योग अभी भी इस प्रतिबंध के असर पर विचार कर रहा है। इस सूची में कुछ ऐसी दवाएं भी शामिल हैं, जिन्हें कई दवा बनाने वाली कंपनियों ने पहले ही बंद कर दिया था। उदाहरण के लिए एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन का एडैपेलीन के साथ संयोजन जिसका उपयोग मुंहासे के इलाज के लिए किया जाता है। इस लिस्ट में एसेक्लोफेनाक 50mg + पैरासिटामोल 125mg टैबलेट पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह बड़ी फार्मा कंपनियों द्वारा बनाई जानी वाली लोकप्रिय पेनकिलर दवाओं में से एक है। इस सूची में पैरासिटामोल+पेंटाज़ोसीन भी शामिल है, जिसका उपयोग दर्द से राहत के लिए किया जाता है। इस सूची में लेवोसेटिरिज़िन + फेनिलेफ्राइन” का संयोजन, मैग्नीशियम क्लोराइड, पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टॉरिन और कैफीन के संयोजन भी शामिल हैं।

क्‍या रिस्‍की हैं ये दवाएं : सरकार की ओर से जारी गजट अधिसूचना के मुताबिक इन 156 फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं के उपयोग से इंसानों के लिए जोखिम होने की संभावना है, जबकि उन दवा के सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं। इस मामले की जांच केंद्र की ओर से नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने की थी, जिसने इन FDC को तर्कहीन माना। सरकार की ओर से साफ किया गया है कि ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) ने भी इन दवाओं की जांच की और सिफारिश की कि इन FDC में शामिल दवाओं का लिए मेडिकल साइंस के हिसाब से कोई मतलब नहीं है।
Edited by Navin Rangiyal
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