पाकिस्तानी मशल माहेश्वरी को सुषमा का सहारा
धार्मिक वीजा पर पाकिस्तान से भारत आई पाकिस्तानी हिन्दू लड़की मशल माहेश्वरी के एडमिशन के मामले में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने खुद रुचि दिखाई है। उन्होंने ट्वीट कर भरोसा जताते हुए कहा कि मशल, परेशान मत हो मेरी बच्ची, मैं मेडिकल कॉलेज में तुम्हारे एडमिशन के मामले को पर्सनली उठाऊंगी।
दरअसल, मशल के माता-पिता पर पाकिस्तान में जुल्म ढाए जाने पर परिवार धार्मिक वीजा लेकर जयपुर आ गया था। डॉक्टर बनने की इच्छा रखने वाली 17 वर्षीय मशल ने भारत में जी-जान लगाकर पढ़ाई की और 12वीं में बायलॉजी में 96 फीसदी अंक हासिल किए। लेकिन जब उसने मेडिकल कॉलेज का फॉर्म भरना चाहा तो उसकी नागरिकाता आड़े आ गई। उसके माता-पिता पाकिस्तान में डॉक्टर थे, लेकिन भारतीय नागरिकता न होने के चलते उन्हें भी यहां कोई अच्छी नौकरी नहीं मिल रही है।
मशल के माता पिता पाकिस्तान के हैदराबाद में डॉक्टर थे। एक दिन अचानक उन्हें अगवा करने की कोशिश की गई जिसके चलते उन्होंने अपनी बेटी के भविष्य के खातिर तीन लाख प्रतिमाह की कमाई को छोड़कर धार्मिक वीजा पर जयपुर आ गए। शुरुआत में तो उन्हें कहीं रहने की जगह नहीं मिली। फिर बाद में माहेश्वरी समाज ने उनकी मदद की।
मशल के परिजन सामने आने से डर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि उनकी पहचान सामने आने के बाद पाकिस्तान में उनके रिश्तेदारों पर हमला हो सकता है। 10वीं तक की पढ़ाई पाकिस्तान में कर चुकी मशल को जयपुर के रुक्मणि बिड़ला स्कूल में एडमिशन उनके एक रिश्तेदार की वजह से मिली।
दो साल तक उसने आकाश कोचिंग इंस्टीट्यूट से तैयारी की। मशल को पता नहीं था कि भारत में सरकारी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में केवल भारतीय ही पढ़ सकते हैं। मशल के पिता प्राइवेट अस्पताल में काम कर रहे हैं, जहां उन्हें सैलरी कैश में मिलती है, क्योंकि वे यहां बैंक अकाऊंट नहीं खुलवा सकते।
मशल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थय मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर मदद की अपील की है। मशल ने बताया कि उसने पहले प्रधानमंत्री की ऑफिशियल वेबसाइट पर शिकायत की। पर वहां से कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला। दूसरी ओर सीमांत लोक संगठन के हिंदू सिंह सोढ़ा ने बताया कि वह इस मामले को होम मिनिस्टर तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।