जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LOC) पर भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों की गश्त ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है! पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े तेवर और राफेल की गर्जना ने पाकिस्तानी सेना को रातों की नींद उड़ा दी। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी जनरल रातभर हमले की आशंका में जागते रहे, और उनकी सेना में खौफ का माहौल है। आखिर क्या है इस खबर का सच, और क्यों पाकिस्तान की धरती कांप रही है? आइए, जानते हैं इस सनसनीखेज घटनाक्रम को।
राफेल की दहाड़, पाकिस्तान की बेचैनी : 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई, ने भारत को गुस्से से लाल कर दिया। इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने की बात सामने आने के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया। भारतीय वायुसेना ने तुरंत LOC के पास राफेल और सुखोई-30 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों के साथ 'आक्रमण' नामक युद्धाभ्यास शुरू किया। राफेल की गश्त और स्कैल्प मिसाइलों की ताकत ने पाकिस्तानी सेना को बैकफुट पर ला दिया। खबर है कि पाकिस्तानी रडार सिस्टम को चकमा देने में सक्षम राफेल की स्टील्थ तकनीक ने उनकी नींद हराम कर दी।
पाकिस्तान की वायुसेना के पास राफेल जैसे विमान का कोई जवाब नहीं है। इसके उन्नत हथियार, लंबी दूरी की मेटियोर मिसाइलें, और इजरायली हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले ने इसे युद्ध का 'बादशाह' बना दिया है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने सियालकोट और फिरोजपुर सेक्टर में अपने रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर यूनिट्स को तैनात किया, ताकि किसी भी भारतीय हमले का पता लगाया जा सके। लेकिन राफेल की गर्जना ने उनके सारे इंतजाम धरे के धरे रहने दिए।
पाकिस्तानी जनरल की रातें हुईं हराम: पहलगाम हमले के बाद भारत के सख्त कदमों ने पाकिस्तान को बौखला दिया। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी, और पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई तक देश छोड़ने का आदेश दिया। इन कदमों से घबराए पाकिस्तान ने LOC पर गोलीबारी शुरू कर दी, लेकिन भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। खबर है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अपनी 31वीं कोर को जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया।
सूत्रों के अनुसार, राफेल की पेट्रोलिंग की खबर सुनते ही पाकिस्तानी जनरल रातभर मीटिंग्स में व्यस्त रहे। उनकी सेना को डर है कि भारत बालाकोट जैसे हवाई हमले को दोहरा सकता है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी स्वीकार किया कि उनकी सेना भारतीय हमले की आशंका में हाई अलर्ट पर है। पाकिस्तान ने PoK में अपने आतंकी लॉन्च पैड्स को खाली कर आतंकियों को बंकरों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान का झूठ और भारत का इरादा : पाकिस्तान भले ही पहलगाम हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार कर रहा हो, लेकिन भारत ने उसके झूठ को बेनकाब कर दिया। जांच में खुलासा हुआ कि हमले में इस्तेमाल हथियार पाकिस्तान से आए थे, और 15 स्थानीय लोगों ने आतंकियों की मदद की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा, "आतंकियों और उनके आकाओं को ऐसी सजा दी जाएगी, जो उनकी कल्पना से भी परे होगी।"
भारतीय वायुसेना का 'आक्रमण' युद्धाभ्यास इस बात का सबूत है कि भारत अब केवल चेतावनी नहीं देगा, बल्कि कार्रवाई करेगा। राफेल के दो स्क्वाड्रन—अंबाला और हाशिमारा से उड़ान भर रहे हैं—और AWACS सिस्टम दुश्मन की हर हरकत पर नजर रख रहा है। पाकिस्तानी वायुसेना के विमान भी सीमा पार उड़ान भर रहे हैं, लेकिन राफेल की ताकत के सामने उनकी हिम्मत जवाब दे रही है।
पाकिस्तान की गीदड़ भभकी : पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने धमकी दी कि अगर भारत ने सिंधु का पानी रोका, तो उनके पास गौरी, शाहीन, और 130 परमाणु हथियार तैयार हैं। लेकिन दुनिया जानती है कि भारत की S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम और राफेल की मारक क्षमता के सामने पाकिस्तान की ये धमकियां खोखली हैं। अमेरिकी रिपोर्ट्स भी कहती हैं कि भारत से टकराने की स्थिति में पाकिस्तानी सेना चंद दिनों में तबाह हो जाएगी।
भारत की ताकत, दुनिया की नजर : पहलगाम हमले के बाद भारत ने न केवल सैन्य, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान को घेर लिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की, और तुर्की ने पाकिस्तान को हथियार देने से इनकार कर दिया। चीन भले ही पाकिस्तान को PL-15 मिसाइलें दे रहा हो, लेकिन राफेल की ताकत के सामने ये भी बेअसर हैं।
बड़ा सवाल: क्या होगा अगला कदम?
राफेल की गश्त और भारत की जंगी तैयारियों ने पाकिस्तान को साफ संदेश दे दिया है—अब बख्शा नहीं जाएगा। क्या भारत फिर से बालाकोट जैसा हमला करेगा? या कोई और बड़ा कदम उठाएगा? रूसी मीडिया का दावा है कि "कुछ बड़ा होने वाला है।" देश की जनता गुस्से में है और हर भारतीय चाहता है कि पहलगाम के गुनहगारों को कड़ा सबक सिखाया जाए।
Edited By: Navin Rangiyal