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Last Modified: बुधवार, 30 अप्रैल 2025 (13:22 IST)

पहलगाम आतंकी हमले पर सरकार के हर फैसले के साथ संघ, मोहन भागवत की पीएम मोदी से मुलाकात

Pahalgam terror attack
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चरम पर पहुंचे तनाव के बीच आज दिल्ली में हाईलेवल बैठकों का दौर चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में बैक टू बैक हाई-लेवल मीटिंग कर रहे हैं। आज प्रधानमंत्री आवास पर CCS की यह दूसरी महत्वपूर्ण मीटिंग हुई जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद हैं। पहली मीटिंग पहलगाम अटैक के अगले दिन 23 अप्रैल को हुई थी। वहीं आज पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली बार मोदी कैबिनेट की बैठक होने जा रहा है।

वहीं भारत और पाकिस्तना के बढ़ते तनाव के बीच मंगलवार रात संघ प्रमुख मोहन भावगत की पीएम मोदी से हुई मुलाकात काफी अहम मानी जा रही। सत्तारूढ़ दल भाजपा के वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस के मुखिया के साथ पीएम मोदी की दो घंटे चली बैठक को लेकर कयासों का दौर भी तेज है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक संघ प्रमुख मोहन भागवत और पीएम मोदी के बीच पहलगाम आतंकी  हमले के  साथ अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।

वहीं मोहन भागवत से मुलाकात से पहले पीएम आवास में हाईलेवल बैठकें भी हुई थी जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं में पूर्ण विश्वास और भरोसा जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय सेना हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की पूरी परिचालन स्वतंत्रता है।

गौरतलब है कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर हम एकजुट हैं तो कोई भी हमारी ओर बुरी नीयत से देखने की हिम्मत भी नहीं करेगा । भागवत ने कहा कि घृणा और शत्रुता हमारे स्वभाव में नहीं है लेकिन चुपचाप नुकसान सहना भी हमारा स्वभाव नहीं है।

संघ प्रमुख ने जोर देकर कहा कि एक सच्चे अहिंसक व्यक्ति को शक्तिशाली भी होना चाहिए। शक्ति नहीं है तो कोई विकल्प नहीं है और अगर शक्ति है तो जरूरत पड़ने पर वह दिखाई देनी चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि लोगों से उनका धर्म पूछकर हत्या की गई। हिंदू ऐसा कभी नहीं करेगा।यह युद्ध धर्म और अधर्म के बीच है।

वहीं दिल्ली में संघ प्रमुख ने विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी स्वामी विज्ञानानंद के द्वारा लिखित शोध पूर्ण ' द हिंदू मेनीफेटो ' पुस्तक के विमोचन समारोह में अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि अहिंसा ही हमारा स्वभाव ,हमारा मूल्य है। हमारी अहिंसा दूसरों को अहिंसक बनाने के लिए है। कुछ लोग बन जाएंगे, कुछ लोग बिगड़ जाएंगे और इतना बिगड़ जाएंगे कि दुनिया में उपद्रव करेंगे।हम अपने पड़ोसियों का कभी अपमान या नुकसान नहीं करते लेकिन फिर भी कोई बुराई पर उतर आए तो विकल्प क्या है। अहिंसा हमारा धर्म है और दुष्टों को सबक सिखाना भी हमारा धर्म है।हमारा धर्म संतुलन देने वाला धर्म है पाश्चात्य विचार पद्धति में  यह संतुलन नहीं है।

संघ प्रमुख ने पहलगाम की घटना के बाद देशभर में दिखाई दे रहे शोक और आक्रोश को स्वाभाविक बताते हुए कहा कि हमारे दिलों में दर्द है, हम गुस्से में हैं लेकिन बुराई को नष्ट करने के लिए ताकत  दिखानी होगी। भागवत ने कहा कि रावण भगवान शिव का भक्त था। वेदों को जानता था। उसके पास वह सब कुछ था जो एक अच्छा इंसान बनने के लिए होना चाहिए लेकिन उसने जो मन और बुद्धि अपना ली थी वह बदलने को तैयार नहीं थी। रावण तब तक नहीं बदलता जब तक कि वह मर नहीं जाता और उसका पुनर्जन्म नहीं हो जाता इसलिए उसे बदलने के लिए राम ने रावण का वध किया। संघ प्रमुख ने कहा कि भगवतगीता में भी बताया गया है कि अर्जुन को अपने भाईयों को इसलिए मारना पड़ा क्योंकि वे बदलने के लिए तैयार नहीं थे। इसके अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में यही संदेश दिया कि जब कोई बदलने के लिए तैयार न हो तो यही रास्ता अपनाना पड़ता है।

संघ प्रमुख ने कहा कि हम ऐसे लोग हैं जो हर किसी में अच्छाई देखते हैं और सभी को स्वीकार करते हैं। हमारे पास सेना है लेकिन एक समय ऐसा भी था जब हमें लगा कि हमें इसकी जरूरत नहीं है। हम यह सोचकर लापरवाह हो गये कि युद्ध नहीं होगा लेकिन 1962 में प्रकृति ने हमें सबक सिखाया।तब से हम अपनी रक्षा को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। बुराई को खत्म किया जाना चाहिए।
 
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