मराठवाड़ा में किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा हैरान कर देगा, 3 महीनों में इतने किसानों ने दी जान
यूं तो देश के कई राज्यों में किसानों की आत्महत्या की खबरें आती हैं, लेकिन महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में किसानों की आत्महत्या का जो आंकड़ा सामने आ रहा है वो चौंकाने वाला है। मराठवाड़ा में इस साल जनवरी से मार्च तक महत तीन महीने में 269 किसानों ने अपनी जान दे दी।
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल जनवरी से मार्च के बीच 269 किसानों ने आत्महत्या की, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 204 किसानों ने खुदकुशी की थी। यहां संभागीय आयुक्त कार्यालय से प्राप्त एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। महाराष्ट्र के मध्य हिस्से में स्थित मराठवाड़ा क्षेत्र में आठ जिले हैं और यह कम सूखा (अर्ध-शुष्क) क्षेत्र माना जाता है। यहां कम वर्षा और मानसून में बदलाव के कारण पानी की कमी रहती है।
क्या सामने आया रिपोर्ट में : रिपोर्ट में कहा गया कि बीड जिले में किसान द्वारा आत्महत्या करने के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जहां साल 2024 में जनवरी से मार्च तक 44 किसानों ने तो वहीं चालू वर्ष के शुरुआती तीन महीनों में 71 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। इसमें कहा गया कि वर्ष 2024 की पहली तिमाही में मराठवाड़ा में 204 किसानों ने आत्महत्या की और चालू वर्ष में जनवरी से मार्च अवधि में 269 किसानों ने खुदकुशी की। पिछले वर्ष की तुलना में इन मामलों में 65 की वृद्धि हुई है।
कहां कितनी आत्महत्याएं : रिपोर्ट में मराठवाड़ा में वर्ष 2025 में जनवरी से मार्च तक किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने का जिलेवार विवरण दिया गया है, जिसमें बीड में 71, छत्रपति संभाजीनगर में 50, नांदेड़ में 37, परभणी में 33, धाराशिव में 31, लातूर में 18, हिंगोली में 16 और जालना में 13 किसानों ने खुदकुशी की।
किसानों के साथ धोखा हुआ : लोकसभा के पूर्व सांसद और किसानों के संगठन शेतकारी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति सरकार पर निशाना साधा और किसानों का कृषि ऋण माफ करने की मांग की। उन्होंने कहा, सरकार ने पिछले साल विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान राज्य के किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया। यह किसानों के साथ धोखा करने जैसा है।
Edited By: Navin Rangiyal