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Last Modified: बरहामपुर (ओडिशा) , सोमवार, 10 फ़रवरी 2025 (14:18 IST)

अब किसानों को रुला रहा है टमाटर, नहीं मिल रहे उचित दाम

टमाटर की खेती करने वाले किसानों की अब लागत भी नहीं निकल पा रही है

अब किसानों को रुला रहा है टमाटर, नहीं मिल रहे उचित दाम - Now tomatoes are making farmers cry, they are not getting fair prices
Farmers affected by low prices of tomatoes: ओडिशा के गंजाम जिले में टमाटर की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बाजार में टमाटर 10 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकने के बावजूद, खेती करने वालों को इसकी कीमतें तीन से पांच रुपये प्रति किलोग्राम ही मिल रही है। उल्लेखनीय कुछ समय पहले एक दौर ऐसा भी आया था जब टमाटरों की कीमत 150 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गई थी। 
 
पशु खा रहे हैं टमाटर : बुनियादी उत्पादन लागत भी वसूल न कर पाने के कारण कई किसान अपनी फसल कम दाम पर बेचने को मजबूर हो गए हैं, जबकि कुछ ने तो अपनी फसल को मवेशियों के खाने के लिए ही छोड़ दिया है। गंजाम ब्लॉक के सत्रुसल गांव के टमाटर उत्पादक सुरथ पाहन ने कहा कि पिछले तीन महीनों से फसल पर इतना समय और पैसा खर्च करने के बाद हम कटाई पर खर्च की गई मजदूरी भी नहीं वसूल पा रहे हैं। पाहन ने शुक्रवार को तीन प्रति किलोग्राम के हिसाब से करीब 15 क्विंटल टमाटर बेचे।
 
व्यापारियों की खरीद 2 रुपए किलो : एक एकड़ जमीन पर टमाटर की खेती करने वाले पाहन ने कहा कि हमारे इलाके में कुछ किसानों ने व्यापारियों द्वारा मात्र दो रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत दिए जाने के बाद अपनी फसल ही छोड़ दी। मठ मुकुंदपुर गांव के दया प्रधान ने बताया कि लाभ की बात तो भूल ही जाएं हम बीज, खाद, कीटनाशक और परिवहन पर होने वाले बुनियादी खर्च भी नहीं निकाल पाते।
 
शत्रुसोला गांव के किसान उपेंद्र पोलाई ने कहा कि इतने कम दाम पर टमाटर बेचने के बजाय, मैंने फसल को अपने मवेशियों को खिलाने का फैसला किया। बागवानी विभाग के उपनिदेशक कांड जेना ने बताया कि पिछले सप्ताह जिले में टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि इस साल अत्यधिक फसल की वजह से कीमतों में गिरावट आई है।
 
किसानों की लागत नहीं निकल पा रही : कम अवधि की मौसमी फसल होने की वजह से कई किसानों ने टमाटर की खेती की जिसके कारण आपूर्ति अधिक हो गई और कीमत में गिरावट आई। जेना ने कहा कि गंजाम में इस सत्र में करीब 1500 हेक्टेयर में टमाटर की खेती की गई। किसान नेता एवं जिला परिषद के पूर्व सदस्य बृंदाबन खतेई ने कहा कि जिले में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों और ‘कोल्ड स्टोरेज’ की कमी के कारण टमाटर उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
 
उल्लेखनीय है कि यह परेशानी ओडिशा के किसानों की ही नहीं। लगभग सभी जगह टमाटरों की स्थिति ऐसी है। वर्तमान में खेरची में टमाटर 10 रुपए किलो बिक रहा है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि बिचौलिए किसान से किस भाव में टमाटर खरीद रहे होंगे। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala