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  4. Nothing has changed in last 11 years, crimes against women have not decreased
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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023 (20:05 IST)

बीते 11 साल में कुछ नहीं बदला, महिलाओं के खिलाफ नहीं घटे अपराध

Nirbhaya Case
Delhi Nirbhaya gang rape case: दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को सामूहिक बलात्कार के बाद जान गंवाने वाली 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा (निर्भया) की मां ने कहा कि 11 साल हो गए हैं, लेकिन कुछ नहीं बदला है। सामूहिक बलात्कार की उस घटना को लेकर देश भर में आक्रोश देखने को मिला था। इस बीच, खबर है कि निर्भया का नाबालिग आरोपी का विवाह हो गया है और वह दक्षिण के किसी राज्य में रह रहा है। 
 
उन्होंने कहा कि सभी के संयोग से उन्हें तो न्याय मिल गया, लेकिन कई मामले 10-12 साल से निचली अदालतों में लंबित हैं। दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने छात्रा से बलात्कार कर उसे सड़क पर फेंक दिया था। 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। छात्रा को निर्भया नाम से जाना गया।
 
छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने मामले पर सुनवाई शुरू होने से कुछ दिन पहले तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी, जबकि किशोर आरोपी को तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था। चार अन्य दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च 2020 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।
 
क्या कहा निर्भया के पिता ने : निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने दावा किया कि अब भी जब कहीं बलात्कार की घटनाएं होती हैं, तब कोई भी पीड़िता के साथ खड़ा नहीं होता। उन्होंने कहा कि हमें न्याय इसलिए मिला क्योंकि पूरा देश हमारे साथ था। त्वरित अदालत ने हमारी बेटी को न्याय दिलाने में मदद की।
 
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में अब भी कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि कानून बने, लेकिन हुआ कुछ नहीं। कभी-कभी हम यह सोचकर इतने निराश हो जाते हैं कि कुछ भी नहीं बदलने वाला है।

बदलाव होना चाहिए : हमारे पास भी कई मामले आते हैं और हम उन्हें अपना नैतिक समर्थन ही दे सकते हैं। निर्भया की मां ने कहा कि ‘सिस्टम’ को ठीक से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बदलाव होना चाहिए, न्याय समय पर मिलना चाहिए और पुलिस भी ठीक से काम करे।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत के 19 महानगरों में से दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रीय राजधानी में 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 14 हजार 158 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद मुंबई (6 हजार 176) और बेंगलुरु (3 हजार 924) रहे।
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