Case of lapse in security of Parliament : संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर शुक्रवार को भी विपक्षी सदस्यों ने तत्काल चर्चा कराने और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर दोनों सदनों में हंगामा किया। संसद के दोनों ही सदनों की कार्यवाही बाधित हुई और कोई महत्वपूर्ण विधायी कामकाज नहीं हो सका।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही क्षणों के भीतर दोपहर दो बजे तक और फिर दोबारा शुरू होते ही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही भी एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि राज्यसभा में सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और सदस्यों की ओर से स्थाई समिति की रिपोर्ट पेश की गईं। यह तीसरा दिन है जब संसद में सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर संसदीय कार्यवाही बाधित हुई।
इस बीच, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि जब तक गृहमंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर दोनों सदनों में वक्तव्य नहीं देते, तब तक कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित होना बहुत मुश्किल है। संसद की सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना बुधवार को उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए, नारेबाजी करने लगे और उन्होंने केन के जरिए पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया था।
14 सांसदों के निलंबन का भी विरोध : विपक्ष इस मामले में सदन की अवमानना करने को लेकर 14 सांसदों के निलंबन का भी विरोध कर रहा है, जिसमें लोकसभा से 13 और राज्यसभा से एक सांसद शामिल हैं। विपक्षी सदस्य सुरक्षा चूक के मुद्दे पर गृहमंत्री शाह से बयान देने और उसके बाद चर्चा की मांग कर रहे हैं। विपक्ष ने शाह के एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में इस मुद्दे पर बोलने लेकिन इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद में बयान नहीं देने के लिए कड़ी आपत्ति जताई।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच एक मिनट से भी कम समय में कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग : विपक्ष गृहमंत्री के इस्तीफे के साथ-साथ सदन में उनकी उपस्थिति की मांग कर रहा था। विपक्षी दल भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सुरक्षा चूक मामले के दो आरोपियों को लोकसभा की दर्शक दीर्घा में प्रवेश करने के लिए सिम्हा की ओर से ही आगंतुक पास देने की सिफारिश की गई थी।
विपक्ष के विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी के कारण गुरुवार और शुक्रवार को निचले सदन में कोई दस्तावेज या समिति की रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी। आपराधिक कानूनों को बदलने वाले तीन विधेयक गुरुवार और शुक्रवार को सदन के एजेंडे में सूचीबद्ध थे, लेकिन इन्हें चर्चा के लिए नहीं लिया जा सका।
संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर राज्यसभा में सूचीबद्ध कामकाज निलंबित कर तत्काल चर्चा कराने की मांग सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से खारिज किए जाने के बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
दोपहर दो बजे उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने देने का अनुरोध किया। इसी दौरान नेता सदन पीयूष गोयल भी खड़े हो गए और कुछ बोलना चाहा। इसी समय सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से हंगामा और शोर-शराबा आरंभ हो गया।
धनखड़ ने दोनों पक्षों से शांत होने की गुजारिश की और कहा कि वह सदन में कुछ घोषणा करना चाहते हैं। हालांकि हंगामा एवं शोरगुल जारी रहा और उन्होंने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सुबह 11 बजे उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दिन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और इसके बाद सूचित किया कि उन्हें संसद में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन संबंधी नियम 267 के तहत कुल 23 नोटिस मिले हैं। सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर वह पहले ही सदन को अवगत करा चुके हैं कि मामले की जांच हो रही है। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर हंगामा शुरु कर दिया।
राघव चड्ढा के इशारे पर सभापति धनखड़ ने जताई आपत्ति : इस दौरान आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने हाथ से इशारा करके व्यवस्था का प्रश्न उठाने की कोशिश की। धनखड़ ने इस इशारे पर आपत्ति जताई और कहा, मिस्टर चड्ढा, आपको व्यवस्था का मुद्दा उठाने के लिए ऐसा (हाथ का इशारा) करने की जरूरत नहीं है, अपनी जीभ का प्रयोग करें, ऐसा मत करें सभापति ने उनसे कहा, आपको दोषी ठहराया गया था, आपको इस सभा द्वारा सजा सुनाई गई थी।
चड्ढा को संसद के मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। सदन ने चार दिसंबर को एक प्रस्ताव के जरिए उनका निलंबन समाप्त कर दिया था। आप सदस्य को विशेषाधिकार समिति ने मीडिया के समक्ष भ्रामक तथ्य पेश करने का दोषी ठहराया था और निलंबन वापस लिए जाने के बाद उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी गई थी।
सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले धनखड़ ने विपक्ष के नेता खरगे, सदन के नेता गोयल और सदन के अन्य नेताओं से उनके कक्ष में मिलने को कहा। खरगे ने गृहमंत्री अमित शाह की एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, देश के गृहमंत्री, टीवी पर साक्षात्कार दे सकते हैं पर संसद के पटल पर बयान नहीं दे सकते।
खरगे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों की मांग है कि अमित शाह संसद में वक्तव्य दें और फिर दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा हो। उनका कहना था, राष्ट्रीय सुरक्षा के इस गंभीर विषय पर आवाज़ उठाना हमारा कर्तव्य है, संसदीय धर्म है।
अमित शाह ने लगाया राजनीति करने का आरोप : शाह ने गुरुवार को एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि संसद की सुरक्षा में चूक एक गंभीर मुद्दा है और लोकसभा अध्यक्ष ने इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने विपक्ष पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, सुरक्षा में चूक हुई है और इसकी जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पलटवार करते हुए कहा, यह उनके अहंकार की विशेषता है कि गृहमंत्री ने 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में गंभीर चूक के बारे में कल शाम एक टीवी चैनल से बात करने का समय निकाला, लेकिन संसद सत्र के दौरान ही सदन में बयान देने से इनकार कर रहे हैं।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर विपक्ष के विरोध की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए क्योंकि यह बहुत संवेदनशील मामला है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय जांच जारी है और यह मामला अदालत में भी है। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने जो भी निर्देश दिए सरकार उनका पूरी तरह से पालन कर रही है।
शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों ने शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। इन सांसदों ने हाथों में तख्तियां लेकर संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष और संसद भवन के मकर द्वार के निकट धरना दिया। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी भी निलंबित सांसदों के प्रदर्शन में शामिल हुईं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour