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  4. 7 days police remand to Parliament attack mastermind Lalit Jha, family in shock
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Last Modified: शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023 (18:23 IST)

संसद हमले के मास्टरमाइंड ललित झा को 7 दिन की पुलिस रिमांड, परिवार सदमे में

Parliament attack
Parliament attack mastermind Lalit Mohan Jha: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद हमले के मास्टरमाइंड ललित झा को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। दिल्ली पुलिस ने संसद की सूरक्षा चूक मामले में ललित को अदालत के समक्ष पेश किया था। 
 
हालांकि दिल्ली पुलिस ने अदालत से ललित झा की 15 दिन की हिरासत देने का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने 7 दिन की रिमांड दी। पुलिस ने अदालत को बताया कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना का मुख्य साजिशकर्ता ललित झा है। 
 
परिवार सदमे में : दूसरी ओर, ललित मोहन झा के बड़े भाई शंभू झा ने हैरानी जताते हुए कहा कि पूरा परिवार अब भी सदमे में है। ललित को बृहस्पतिवार शाम को नई दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था।
 
शंभू ने कहा कि हमें नहीं मालूम कि वह इन सब में कैसे शामिल हुआ। वह हमेशा झगड़ों से दूर रहता था। वह बचपन से ही शांत और चुप रहने वाला व्यक्ति था और किसी से कम घुलता-मिलता था। हमें पता है कि वह निजी शिक्षक होने के अलावा एनजीओ से जुड़ा हुआ था और हम टेलीविजन चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर वाकई स्तब्ध हैं।
 
बुधवार रात से ही शंभू के पास लगातार फोन आ रहे हैं और पुलिस तथा रिश्तेदार दोनों ही झा के बारे में पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने आखिरी बार उसे 10 दिसंबर को देखा था जब हम बिहार में अपने गृह नगर रवाना हुए थे। वह सियालदाह स्टेशन पर हमें छोड़ने आया था। अगले दिन उसने हमें फोन किया और कहा कि वह कुछ निजी काम से नई दिल्ली जा रहा है। हमारी आखिरी बार उससे तभी बात हुई थी।
 
पड़ोसी भी हैरान हैं : ललित के पड़ोसी भी समाचार चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर हैरान हैं। उन्होंने उसे अपने तक सीमित रहने वाला इंसान बताया जो कोलकाता के बड़ाबाजार में लोगों के कभी-कभार ही घुलता-मिलता था। बाद में परिवार उत्तर 24 परगना जिले के बागुइती में रहने चला गया था।
 
शिक्षक के रूप में जाना जाता था ललित : बड़ाबाजार इलाके के रबींद्र सरानी में चाय का ठेला लगाने वाले पापुल शॉ ने बताया कि ललित ‘शिक्षक’ था जो दो साल पहले गायब हो गया था। शॉ ने कहा कि उसे शिक्षक के रूप में जाना जाता था जो स्थानीय छात्रों को पढ़ाता था। कुछ साल पहले वह इलाके में आया और अकेले रह रहा था। वह कभी-कभार ही स्थानीय लोगों से बात करता था। उस वक्त वह मेरे ठेले पर चाय पीता था। दो साल पहले वह अचानक इलाके से चला गया और फिर कभी नहीं लौटा। (एजेंसी/वेबदुनिया) 
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