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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : गुरुवार, 14 दिसंबर 2023 (16:13 IST)

Parliament Attack 2023: संसद की सुरक्षा में सेंध, चूक या लापरवाही?

Parliament security Breach
हम‍ कितने चौकन्ने हैं... हम कितने जागरूक हैं... यह 13 दिसंबर, 2023 के दिन नए संसद भवन में घटी घटना ने साबित कर दिया है। 13 दिसंबर, 2001 की घटना को एक बार फिर दोहराया गया। हालांकि तब संसद पर आतंकवादियों ने हमला किया था, वहीं इस बार हमारे ही देश के युवा थे। इनका उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था। इन्होंने स्मोक कैन जलाकर सदन में फेंक दी। कुछ लोग इस घटना की तुलना लोग शहीद-ए-आजम भगत सिंह द्वारा असेंबली में फेंके गए बम से भी कम कर रहे हैं। 
 
इन युवकों को मकसद कुछ भी रहा हो, लेकिन संसद की सुरक्षा कैसी है यह घटना इसकी पोल खोलने के लिए काफी है। 1200 करोड़ से ज्यादा की लागत से बनी इस संसद का हाल ही में लोकार्पण हुआ था। इसे काफी हाईटेक बिल्डिंग बताया जा रहा था। इस सबके बावजूद आखिर ये लोग संसद के भीतर स्मोक कैन लेकर पहुंचे कैसे? संसद के सुरक्षाकर्मी तब क्या कर रहे थे? कल्पना कीजिए यदि इन युवकों के स्थान पर हकीकत में आतंकवादी होते तो संसद परिसर का का मंजर क्या होता?
 
वह दृश्य आज भी लोगों के दिलोदिमाग पर अंकित है, जब पाकिस्तानी आतंकियों ने 13 दिसंबर, 2001 को भारतीय संसद पर हमला किया था। उस समय गोलियों की गूंज से पूरा देश सहम गया था। इस हमले में दिल्ली पुलिस के जवानों समेत 9 लोग शहीद हुए थे। हालांकि हमारे सुरक्षा बलों ने पांचों आतंकवादियों को मार गिराया था।
 
इस घटना को सुरक्षा में चूक माना जा रहा है, लेकिन यदि हम गंभीरता से विचार करें तो यह सुरक्षा में चूक न होकर सरासर लापरवाही है। क्योंकि कुछ दिन पहले ही खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने संसद हमले की बरसी पर ही आतंकवादी हमले की बात कही थी। चेतावनी के बावजूद इस तरह की घटना हुई तो यह सीधे-सीधे लापरवाही ही तो है। साथ देश की खुफिया एजेंसियां क्या कर रही थीं। इन्हें इन युवाओं की साजिश की कानोकान खबर नहीं लगी। सबसे अहम बात यह है कि यह युवा किसी एक इलाके के नहीं हैं। इनका संबंध उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा और महाराष्ट्र से है। 
 
संसद के बाहर नारेबाजी कर रही नीलम का कहना था- हमारा संबंध किसी संगठन से नहीं है। हम विद्यार्थी हैं, जनता हैं। हम बेरोजगार हैं। हर जगह हमारी बात दबाने की कोशिश करते हैं। ये तानाशाही नहीं चलेगी... तानाशाही बंद करो। नीलंम के बारे में कहा जाता है यह किसान आंदोलन के दौरान भी सक्रिय थी। पहलवानों के धरने के दौरान भी इसे हिरासत में लिया गया था। अमोल रनिंग में चैंपियन है, ज‍बकि मनोरंजन इंजीनियर है। 12वीं पास सागर लखनऊ में रिक्शा चलाता है। सबसे अहम बात लखनऊ केसागर ने मैसूरु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय से जारी विजिटर पास पर संसद में एंट्री की थी। 
 
राजनीति और लीपापोती : इस घटना के बाद न सिर्फ राजनीति भी शुरू हो गई बल्कि अन्य घटनाओं के बाद जो होता है उसी तरह लीपापोती भी शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कल (13 दिसंबर) की घटना पूरे देश ने देखी। हर दिन देश की सुरक्षा, बिजली और विकास की बातें होती हैं...लेकिन अंदर ही अंदर सुरक्षा खोखली है। क्या इससे प्रधानमंत्री को कोई सरोकार नहीं है?...लोग कहेंगे 'मोदी मतलब मुश्किल है...'। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इस घटना पर बयान देने की मांग की है। 
 
दूसरी ओर, घटना के बाद अब कहा जा रहा है कि संसद में सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी, दर्शक दीर्घा में पारदर्शी कांच लगाया जाएगा। एंट्री गेट पर बॉडी स्केन मशीन लगाई जाएगी। यह भी कहा जा रहा है कि संसद में 150 सुरक्षाकर्मियों के पद खाली हैं। 10 साल से कोई नई भर्ती नहीं की गई है। बड़ा सवाल यह है कि हमने 1200 करोड़ का संसद भवन तो बना लिया, लेकिन सुरक्षा को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कर पाए? शुक्र करिए स्मौक कैन में केमिकल बम नहीं था, नहीं जो नजारा होता उसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकता। 
 
इसमें कोई संदेह नहीं कि हमने चंद्रयान-3 के माध्यम से चांद पर पहुंचकर नया इतिहास रच दिया है। आदित्य एल1 मिशन भी बड़ी उपलब्धि है। दिल्ली में ही जी-20 समिट के माध्यम से हमने दुनिया को अपनी ताकत का अहसास भी कराया था, लेकिन विदा होते 2023 में संसद में घटित यह घटना 'काले दाग' की तरह ही है।