बजट में हो मांग बढ़ाने के उपाय : क्रिसिल
नई दिल्ली। साख निर्धारक तथा बाजार अध्ययन एवं सलाह कंपनी क्रिसिल ने नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए उपभोक्ता मांग बढ़ाने के उपाय करने की अपील की है।
क्रिसिल द्वारा सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नोटबंदी के कारण उपभोक्ता मांग सुस्त पड़ी है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के पहले अग्रिम अनुमान के हवाले से कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में इसकी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी जिसके दूसरी छमाही में घटकर 5.9 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है।
क्रिसिल ने कहा कि लोगों (विशेषकर ग्रामीण आबादी तथा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों) की क्रय शक्ति बढ़ाकर तथा नकदी आधारित क्षेत्रों में कम नकद की ओर जाने की प्रक्रिया को सरल बनाकर घरेलू उपभोग बढ़ाने के उपाय किए जाने चाहिए। इससे औद्योगिक क्षेत्र में क्षमता से कम उत्पादन की समस्या से अल्पकाल में निपटा जा सकेगा और निवेश से लाभ प्राप्ति का रास्ता साफ होगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि नोटबंदी से पहले भी जून 2016 में समाप्त तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र क्षमता का महज 73 प्रतिशत उत्पादन कर रहे थे जिससे नए निवेश के अवसर नहीं बन पा रहे थे। नोटबंदी के बाद दिसंबर में वाहन उद्योग में 18.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
इस दौरान ट्रैक्टर, कारों तथा उपयोगी वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों तथा दोपहिया वाहनों की बिक्री घट गई। इसके साथ सीमेंट की बिक्री में भी कमी दर्ज की गई जबकि इस्पात की बिक्री में मामूली गिरावट रही। उसने बताया कि नोटबंदी से सीमेंट और इस्पात की बिक्री भी अल्पकाल में प्रभावित रहेगी। सीमेंट की 60 से 65 प्रतिशत तथा इस्पात की 30 से 35 प्रतिशत खरीदारी नकद में होती है। (वार्ता)