• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Nitin Patel, Vijay Rupani, Gujarat Chief Minister, Amit Shah
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 5 अगस्त 2016 (21:00 IST)

वो आखिरी आधा घंटा और नितिन पटेल की शिकस्त

Nitin Patel
गुजरात के भावी मुख्‍यमंत्री के रूप में मीडिया में साक्षात्कार देने वाले नितिन पटेल को यह बिलकुल भी अंदेशा नहीं था कि आखिरी समय में पासा पलट जाएगा। हालांकि सांत्वना के तौर पर उन्हें उपमुख्‍यमंत्री का पद जरूर मिल गया है। 
दरअसल, मुख्यमंत्री चयन के लिए जारी कवायद के आखिरी घंटे में सब कुछ बदल गया। अन्यथा इससे पहले मीडिया में सिर्फ इसी बात की सुर्खियां थीं कि नितिन पटेल का मुख्‍यमंत्री बनना तय है। बस, उनके नाम की घोषणा ही बाकी है। इस बीच, पटेल ने भावी मुख्‍यमंत्री के रूप में मीडिया को इंटरव्यू भी दे दिए साथ ही अपने समर्थकों से बधाइयां भी स्वीकार कर ली थीं। खुद आनंदी बेन पटेल भी चाहती थीं कि नितिन पटेल उनके उत्तराधिकारी बनें। 
 
इस पूरी कवायद के पीछे माना जा रहा है कि हुआ वही जो अमित शाह चाहते थे। इसीलिए तमाम अटकलों के बावजूद अमित शाह ने आखिरी समय में पूरा खेल पलट दिया और अपने कट्‍टर समर्थक विजय रूपानी के सिर पर मुख्‍यमंत्री पद का ताज रख दिया। हालांकि रूपानी की गिनती भी राज्य के कद्दावर नेताओं में होती है और उन्हें कुशल चुनाव प्रबंधक भी माना जाता है। रूपानी पक्ष में एक और बात जाती है, वह यह कि वे जैन समुदाय से आते हैं और आने वाले चुनाव में पार्टी को इस संपन्न समुदाय से अच्छा आर्थिक सहयोग मिल सकता है। 
 
रूपानी की ताजपोशी ने साबित कर दिया है कि न सिर्फ मुख्‍यमंत्री चयन में अमित शाह की चली, बल्कि गुजरात में वही होगा जो अमित शाह चाहेंगे। पिछले दिनों हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में शाह का काफी प्रभाव दिखाई दिया था। मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार के समय भी शाह के दखल के चलते अंतिम समय में इंदौर के सुदर्शन गुप्ता मंत्री बनने से चूक गए। 
 
ऐसा भी कहा जा रहा है कि चूंकि नितिन पटेल ने पटेल आंदोलन और दलित पिटाई कांड में पार्टी के पक्ष में अच्छी भूमिका निभाई थी, इसलिए उन्हें उपमुख्‍यमंत्री पद दिया गया है अन्यथा वे इससे भी वंचित रह जाते। जातिगत फैक्टर को बैलेंस करने के लिए ही उन्हें सरकार में नंबर दो की भूमिका पर रखा गया है, क्योंकि आने वाले चुनाव में पटेल समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।  
 
शाह के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे तब वे मोदी के सेनापति की भूमिका में थे। परोक्ष रूप से सरकार के काम और परिणामों की जिम्मेदारी शाह के कंधों पर ही थी। पहले मोदी-शाह की जोड़ी गुजरात को चलाती थी, अब रूपानी और पटेल यह जिम्मेदारी निभाएंगे। लेकिन, यह भी तय है कि इन दोनों से ऊपर राज्य में अमित शाह का दखल रहेगा।