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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 4 जनवरी 2019 (15:35 IST)

राफेल पर निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, रक्षा सौदा और रक्षा में सौदेबाजी में फर्क

राफेल पर निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, रक्षा सौदा और रक्षा में सौदेबाजी में फर्क - Niramala Sitharaman on defence deal in Parliament
नई दिल्ली। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में राफेल मामले पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि रक्षा सौदे और रक्षा में सौदेबाजी में फर्क होता है। यूपीए सरकार में राफेल डील को पूरा करने की नीयत नहीं थी।
 
सीतारमण ने कहा- आज मैं हर बात का जवाब दूंगी। रक्षा सौदे देश की सुरक्षा से जुड़े मामले हैं। देश को यह समझना होगा कि रक्षा सौदे गोपनीय होते हैं। देश की सरहद पर संवेदनशील माहौल है। सरकार में जो भी है, उसे यह समझना होगा, जिम्मेदारी लेनी होगी।
 
उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में हमारे पड़ोसियों में क्या बदलाव हुए हैं? चीन के पास 400 लड़ाकू एयरक्राफ्ट हैं, इनमें फिफ्थ जनरेशन एयरक्राफ्ट हैं। पाकिस्तान ने अपनी लड़ाकू विमानों की क्षमता बढ़ाई है। हमारे पास क्या है? 2002 में हमारे पास 42 स्क्वॉड्रन थी। यह 2007 में घटकर 36 और 2015 में 32 स्क्वॉड्रन हो गईं। हमारे पड़ोसी अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं, हमारी क्षमता घट रही है।
 
उन्होंने कहा कि रक्षा सौदे की प्रक्रिया 10 साल नहीं चलती। हमने मात्र 14 महीनों में सौदे की प्रक्रिया पूरी की। सितंबर 2019 में पहला राफेल विमान आएगा। सारे विमान 2022 तक भारत आ जाएंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने HAL के विकास के लिए कुछ नहीं किया। वह उसे केवल रियायत देती रही। केवल रक्षा सौदों में खरीद के लिए HAL का उपयोग होता रहा। उन्होंने कहा कि राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसां ने HAL में बने विमानों की गारंटी लेने से इनकार कर दिया था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस 136 नहीं, केवल 18 विमान खरीदने वाली थी। हमने इसकी संख्या बढ़ाकर 36 कर दी। सीतारमण ने सवाल किया‍ कि कांग्रेस को 526 करोड़ का आकड़ा कहां से मिला। हमने 9 फीसदी सस्ते राफेल खरीदे। वह इस सौदे पर देश को गुमराह कर रही है।